वाराणसी में फिर बढ़ने लगीं गंगा, 5 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हो रही वृद्धि, 69 मीटर से ऊपर पहुंचा जलस्तर
वाराणसी। गंगा का जलस्तर स्थिर होने, घटने के बाद फिर तेजी से बढ़ने लगा है। शुक्रवार की सुबह पांच सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वृद्धि रिकॉर्ड की गई। सुबह 8 बजे जलस्तर 69.2 मीटर पर पहुंच गया। यदि इसी रफ्तार से पानी बढ़ता रहा तो कुछ ही घंटों में जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर जाएगा। गंगा के जलस्तर में वृद्धि की वजह से घाट जलमग्न हो चुके हैं। आसपास के इलाकों में भी पानी भर रहा है। गंगा के पलट प्रवाह से वरूणा भी उफान पर हैं। नदी किनारे के बाशिंदों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें बाढ़ राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ रही है।

गुरुवार को गंगा के जलस्तर में वृद्धि का क्रम थम गई थी। पहले जलस्तर स्थिर हुआ, फिर धीरे-धीरे घटने लगा। पहले आधा सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पानी कम हो रहा था, लेकिन बाद में दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जलस्तर में कमी आने लगी थी। इससे लोगों ने राहत महसूस की। हालांकि जलस्तर में दोबारा वृद्धि शुरू हो गई। इस बार काफी तेजी से पानी बढ़ रहा है। गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच गया है। यदि इतनी ही तेजी से पानी बढ़ा तो जल्द ही चेतावनी बिंदु को भी पार कर सकता है।

वाराणसी में गंगा का चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर है। वहीं खतरे का बिंदु 71.262 मीटर है। जलस्तर 69 मीटर के आंकड़े को पार कर चुका है। ऐसे में चुनौती बढ़ गई है। गंगा के जलस्तर में वृद्धि की वजह से वाराणसी के नमो घाट से लेकर रविदास घाट तक जलमग्न हो चुके हैं। घाटों की सीढ़ियां डूब चुकी हैं। वहीं गलियों और आसपास के इलाकों की ओर पानी बढ़ने लगा है। इससे आसपास रहने वालों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। नौका संचालन ठप होने से नाविकों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ से निबटने के लिए इंतजाम किए गए हैं। निगरानी के लिए बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। वहीं बाढ़ राहत शिविर भी बनाए गए हैं, जहां बाढ़ प्रभावितों को रखा जा रहा है। अधिकारियों की टीम लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। केंद्रीय जल आयोग, एनडीआरएफ, जल पुलिस की टीम भी लगातार नजर बनाए हुए हैं। लोगों को सावधानी बरतने के लिए आगाह किया जा रहा है।


