काशी में मना गंगा प्राकट्य महोत्सव, चुनरी मनोरथ और छप्पन भोग का आयोजन, समाजसेवा का दिया संदेश

वाराणसी। अस्सी घाट स्थित मां गंगा सेवा समिति प्रांगण में ब्रह्मराष्ट्र एकम संस्था द्वारा आयोजित गंगा प्राकट्य महोत्सव का चौथा संस्करण इस वर्ष भव्यता और दिव्यता के साथ संपन्न हुआ। प्रातःकाल चुनरी मनोरथ और सायं छप्पन भोग अर्पण संग रंगारंग सांस्कृतिक आयोजन हुआ। इससे वातावरण भक्तिमय हो गया।
इस वार्षिक उत्सव का मुख्य आकर्षण रहा मां गंगा को समर्पित आर-पार की चुनरी और 5000 साड़ियों का चुनरी चढ़ावा, जिसे बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ अर्पित किया गया। यह दृश्य भक्तों के लिए अत्यंत अलौकिक और भक्तिमय रहा। सायंकालीन आयोजन में दिव्य छप्पन भोग अर्पित कर गंगा महाआरती का आयोजन हुआ, जिससे संपूर्ण घाट क्षेत्र भक्तिरस में डूब गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीकुल पीठाधीश्वर डॉ. सचिंद्रनाथ महाराज, उपस्थित संत-महात्माओं और गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्रा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए गंगा सेवा में लगे समाज के विशिष्टजनों को गंगापुत्र एवं गंगा प्राकट्य सम्मान से सम्मानित किया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में कल्किराम महाराज, स्वामी कृपानन्द महाराज, लाल बाबा सहित कई संतों की गरिमामयी उपस्थिति से आयोजन की पवित्रता और उद्देश्य को और बल मिला। वक्ताओं ने बताया कि गंगा प्राकट्य महोत्सव का उद्देश्य केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय चेतना को जागृत करना है। इस आयोजन के माध्यम से समाज में एकता, समरसता और सहयोग की भावना को प्रोत्साहन मिलता है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में ब्रह्मराष्ट्र एकम संस्था और मां गंगा सेवा समिति के सदस्यों का विशेष योगदान रहा। संस्था के ट्रस्टी पं. सतीश चंद्र मिश्र, रविंद्र नाथ मिश्र, श्रवण मिश्र, विजय नावड़, राकेश पांडेय, संतोष कश्यप, कमलेश शुक्ल, धारण पांडेय, महेश दुबे, धीरेन्द्र पांडेय, राहुल सिंह, जयदीप शुक्ल, निखिल, अजय, रागिनी, शिवांगी, रजनी आदि का सराहनीय सहयोग रहा। महोत्सव के अंत में संस्था के युवा अध्यक्ष कुशाग्र सनातनी ने सभी अतिथियों, संतों, सहयोगियों और श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त करते हुए गंगा सेवा के संकल्प को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।