वाराणसी में उफनाईं गंगा, महाश्मशान पर छत पर हो रहा शवदाह, नाविकों के लिए बढ़ी मुश्किल
वाराणसी। गंगा इस समय उफान पर हैं। काशी के समस्त 84 घाट जलमग्न हो चुके हैं। मणिकर्णिका घाट पर पानी चढ़ गया है। ऐसे में छत पर शवदाह हो रहा है। गंगा में बाढ़ के चलते महाश्मशान तक शव और लकड़ी आदि ले आने में भी तमाम तरह की दिक्कतें हो रही हैं। वहीं घाट किनारे के बाशिंदों और नाविकों के लिए जीवनयापन में मुश्किलें भी बढ़ गई हैं।

गंगा के जलस्तर में पिछले कई दिनों तक तेजी से वृद्धि हुई। इसके चलते पानी चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच गया और घाट डूब गए। इससे गंगा आरती का स्थान भी बदलना पड़ा। वहीं महाश्मशान डूबने से छत पर शवदाह कराया जा रहा है। रामकिशन माझी ने बताया कि गंगा के जलस्तर में वृद्धि के बाद मुश्किलें बढ़ गई हैं। 24 घंटे घाट किनारे रहकर परिवार की सुरक्षा कर रहे हैं, उनका ध्यान रख रहे हैं। बताया कि मणिकर्णिका पर छत पर शवदाह हो रहा है। शवों को ले आने में भी दिक्कत है। कहा कि हमलोग घाट किनारे रहते हैं, इसलिए दुश्वारियां बढ़ गई हैं। आसपास पानी भर गया है। ऐसे में बच्चों का स्कूल जाना बंद है। कहीं आने-जाने में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

रमेश ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही उनके लिए भी परेशानी बढ़ गई है। इस समय कामकाज ठप है और आमदनी नहीं हो पा रही है। इतनी महंगाई में बिना आमदनी के जीवनयापन करने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब तीन महीने तक कामकाज ठप रहेगा। ऐसे में परिवार चलाना काफी मुश्किल होगा।



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