गंगा दशहरा महोत्सव 2025 : स्वच्छ गंगा, स्वच्छ काशी के संकल्प के साथ दशाश्वमेध घाट पर भव्य आयोजन

वाराणसी। माँ गंगा के पावन तट पर, दशाश्वमेध घाट पर गुरुवार सायंकाल 6 बजे से गंगा सेवा निधि द्वारा आयोजित भव्य गंगा दशहरा महोत्सव 2025 का आयोजन संपन्न हुआ। चार दशकों से स्वच्छ काशी, स्वच्छ गंगा, स्वच्छ घाट और पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित गंगा सेवा निधि ने इस वर्ष “एक पेड़ माँ भगवती के संरक्षण के लिए” का आह्वान किया। देश-विदेश से आए असंख्य श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने स्वच्छ गंगा, निर्मल गंगा और अविरल गंगा का संकल्प लिया, जिसके साथ इस पावन पर्व का शुभारंभ हुआ।
आठ वर्षों से गंगा किनारे एक संकल्प
गंगा सेवा निधि द्वारा विगत आठ वर्षों से प्रतिदिन दशाश्वमेध घाट पर माँ गंगा की आरती के दौरान “गंगा किनारे एक संकल्प” अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत श्रद्धालुओं को गंगा, घाट और सम्पूर्ण भारतवर्ष को स्वच्छ रखने का संकल्प दिलाया जाता है। इस वर्ष इस अभियान को आठ वर्ष पूर्ण होने पर गंगा सेवा निधि ने इसे एक अनोखी पहल बताया, जिसके माध्यम से भारत को स्वच्छ और पर्यावरण को संरक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। संस्था का मानना है कि यह संकल्प अभियान निश्चित रूप से भारतवर्ष को स्वच्छ बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
संस्थापक को श्रद्धांजलि और अतिथियों का स्वागत
कार्यक्रम का शुभारंभ गंगा सेवा निधि के संस्थापक स्व. पं. सत्येन्द्र मिश्र के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में वाराणसी नगर निगम के महापौर अशोक तिवारी, कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में मुख्य जिला न्यायाधीश जय प्रकाश तिवारी, जल शक्ति विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के स्वतंत्र देव सिंह, और राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त, महंत शंकर पूरी जी, भाजपा के वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्र, विधान परिषद सदस्य मानवेन्द्र प्रताप सिंह, एयर कमाडोर कुणाल काला, डीआईजी मनोज कुमार शर्मा, कमांडेंट राजेश्वर बालापुरकर, कर्नल प्रदीप बेहरा, संयुक्त पुलिस आयुक्त राजेश कुमार सिंह, श्रीकांत जी (काशी विश्वनाथ मंदिर), सहायक पुलिस आयुक्त सतानन्द पाण्डेय और स्वामी ब्रह्म मायनंद जैसे गणमान्य अतिथियों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। अतिथियों का स्वागत आशीष तिवारी, इन्दुशेखर शर्मा और सुरजीत द्वारा अंगवस्त्र, रुद्राक्ष की माला, और स्मृति चिन्ह भेंटकर किया गया।
अध्यक्ष का उद्बोधन : एक पेड़ भगीरथ के नाम
संस्था के अध्यक्ष सुशान्त मिश्र ने अपने स्वागत उद्बोधन में गंगा सेवा निधि के 25 वर्षों के इतिहास को स्मरण किया। उन्होंने अपने पिता और संस्थापक स्व. पं. सत्येन्द्र मिश्र के उस संकल्प को दोहराया, जिसमें उन्होंने काशी से प्रयाग तक गंगा के दोनों तटों पर हर 15 मीटर की दूरी पर नीम और बरगद के वृक्ष लगाने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि यह वृक्षारोपण न केवल क्षेत्र को हरियाली प्रदान करेगा, बल्कि शुद्ध वायु और जल शोधन में भी योगदान देगा। उन्होंने सरकार के “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान की सराहना करते हुए इसे “एक पेड़ भगीरथ के नाम” से जोड़ा और इस संकल्प को साकार करने की प्रार्थना की।
वैदिक पूजन और भव्य माँ गंगा आरती
कार्यक्रम के अगले चरण में गंगा सेवा निधि के 11 अर्चकों द्वारा वैदिक रीति से माँ गंगा का पूजन किया गया। इसके पश्चात 11 अर्चकों और 22 देव कन्याओं (दुर्गाचरण गर्ल्स इंटर कॉलेज) द्वारा भव्य माँ गंगा महाआरती का आयोजन हुआ। दशाश्वमेध घाट को 30 क्विंटल फूल-मालाओं और 11,001 दीपों से सजाया गया, जिसकी रोशनी ने देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां
कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। शिवोहम नृत्य समूह ने माँ गंगा की अवतरण गाथा और शिव-शक्ति की कहानियों पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किया। शुद्ध शास्त्रीय नृत्य कथक और भरतनाट्यम की प्रस्तुति दलनायिका शिवानी मिश्रा और सहयोगी कलाकारों स्मृति शाही, नेहा शर्मा, प्रिन्सी धर्मराज, आशुतोष सिंह, सौरभ त्रिपाठी, और करिश्मा केशरी सारिका द्वारा की गई। 12 वर्षीय गायिका अधिश्री वशिष्ट ने अपनी मधुर आवाज में “पायो जी मैंने राम रतन धन पायो”, “तुम उठो सिया सिंगार करो”, और “ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन” जैसे भजनों की मनमोहक प्रस्तुति दी, जिसने सभी को भावविभोर कर दिया।
कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम का कुशल संचालन अंजना झा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन गंगा सेवा निधि के सचिव सुरजीत कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर इन्दुशेखर शर्मा, हनुमान यादव, पंकज अग्रवाल, सी.ए. सर्वेश अग्रवाल, जितेन्द्र नाथ सिंह, सिद्धार्थ श्रीवास्तव, अरुण अग्रवाल, मनीष सोनी और अधिवक्ता विनोद श्रीवास्तव सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता का संदेश
गंगा दशहरा महोत्सव 2025 ने न केवल माँ गंगा के प्रति श्रद्धा को प्रगाढ़ किया, बल्कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनजागरूकता भी फैलाई। गंगा सेवा निधि का यह प्रयास काशी ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण भारतवर्ष में स्वच्छता और हरियाली के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन रहा है।