चंद्रग्रहण के दिन सूतक काल से पहले संपन्न हो जाएगी दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती, 34 साल में पांचवीं बार दिन में होगी आरती
वाराणसी। दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि की ओर से होने वाली विश्वप्रसिद्ध मां गंगा की आरती चंद्रग्रहण के दिन दिन में होगी। सात सितम्बर को लगने वाले चंद्र ग्रहण के चलते आरती का समय परिवर्तित कर दोपहर 12 बजे निर्धारित किया गया है। सूतक काल शुरू होने से पहले ही गंगा आरती संपन्न होगी।

गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने जानकारी दी कि ग्रहण के सूतक काल से पूर्व ही आरती सम्पन्न करा ली जाएगी। आरती पूरी तरह परंपरागत विधि-विधान से सम्पन्न होगी, केवल समय में बदलाव किया गया है। पिछले 34 वर्षों में यह पांचवां अवसर होगा जब दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती दिन के समय आयोजित की जाएगी। इससे पहले 28 अक्टूबर 2023, 16 जुलाई 2019, 27 जुलाई 2018 और 7 अगस्त 2017 को चंद्र ग्रहण के कारण दिन में आरती सम्पन्न कराई गई थी।

गंगा आरती देखने के लिए देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक प्रायः शाम को घाट पर जुटते हैं। लेकिन इस बार चंद्र ग्रहण के कारण भक्तों को दोपहर में ही गंगा आरती का दुर्लभ दृश्य देखने का अवसर मिलेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के सूतक काल में पूजा-अर्चना, आरती या किसी भी तरह का धार्मिक अनुष्ठान वर्जित होता है। इसी कारण गंगा सेवा निधि ने परंपरा को बनाए रखते हुए समय परिवर्तन का निर्णय लिया है।



