रोहिंग्या-बांग्लादेशियों के सत्यापन से लेकर ऑपरेशन चक्रव्यूह तक, पुलिस कमिश्नर ने हर मामले में कसे अफसरों के पेंच, दिए अहम निर्देश

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वाराणसी। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने यातायात लाइन स्थित सभागार में गोमती जोन के थाना, चौकी व बीट प्रभारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। इस गोष्ठी में अपराध, कानून-व्यवस्था तथा यातायात प्रणाली की समग्र समीक्षा की गई। बैठक में अपर पुलिस आयुक्त राजेश कुमार सिंह, पुलिस उपायुक्त (गोमती) आकाश पटेल, पुलिस उपायुक्त (अपराध) सरवणन टी., अपर पुलिस आयुक्त (प्रोटोकॉल एवं मुख्यालय) सुशील कुमार गंगा प्रसाद सहित जोन के सभी सहायक पुलिस आयुक्त, थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी व बीट एसआई मौजूद रहे।

इस समीक्षा बैठक में पुलिस आयुक्त ने कई महत्त्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, मंदिर परिसर व प्रमुख पर्यटन स्थलों पर फेरीवालों अथवा भिक्षुकों के रूप में छिपे रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों की संभावना को ध्यान में रखते हुए विशेष सतर्कता बरती जाए। उन्होंने सभी थाना प्रभारियों को ऐसे व्यक्तियों का सत्यापन कर अवैध निवासियों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

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उन्होंने निर्देश दिया कि सड़कों, रेल पटरियों के किनारे, गांवों के बाहरी क्षेत्र, पार्कों व खुले मैदानों में रह रहे लोगों का भौतिक सत्यापन कर उन्हें चिन्हित करते हुए नियमानुसार हटाया जाए। साथ ही मकान मालिकों को चेताया गया कि वे बिना पुलिस सत्यापन के किसी को किराए पर मकान न दें।

पुलिस कमिश्नर ने गंगा घाटों, बीएचयू परिसर एवं अन्य शिक्षण संस्थानों के आसपास नशीले पदार्थों की बिक्री व सेवन पर पूरी तरह से रोक लगाने की सख्त हिदायत दी। उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी गतिविधि की सूचना मिलने पर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

बैठक में गौ-तस्करी, अवैध शराब, मादक पदार्थों तथा अवैध शस्त्रों की तस्करी करने वाले गिरोहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश भी दिया गया। साथ ही ऑनलाइन सट्टा व जुए के नेटवर्क की पहचान कर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।

होटल, लॉज व ढाबों पर अवैध या अनैतिक गतिविधियों की जांच के लिए सभी थाना प्रभारियों को नियमित औचक निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही रात्रिकालीन गश्त को प्रभावी बनाने हेतु सख्ती से सीटी (व्हीसल) के प्रयोग और उपस्थिति की निगरानी का आदेश दिया गया।

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‘ऑपरेशन चक्रव्यूह’ के अंतर्गत शहर के प्रमुख चौराहों, सीमावर्ती मार्गों और संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष चेकिंग अभियान चलाने की योजना बनाई गई। विशेष रूप से बिना नंबर प्लेट के वाहनों पर तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए गए।

पुलिस आयुक्त ने लंबित विवेचनाओं के समयबद्ध निस्तारण पर बल देते हुए कहा कि कोई भी विवेचना दो महीने से अधिक लंबित न रहे। इसके लिए अधिकारियों को व्यक्तिगत जिम्मेदारी सुनिश्चित करने को कहा गया।

ग्रामीण क्षेत्रों में अपराध की रोकथाम के लिए सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने हेतु ग्राम प्रधानों व सम्मानित नागरिकों से समन्वय स्थापित कर जागरूकता फैलाने का भी निर्देश दिया गया। पुलिसकर्मियों को उच्च नैतिकता, पेशेवर आचरण व संवेदनशीलता से कार्य करने का निर्देश दिया गया, साथ ही जनता के साथ दुर्व्यवहार पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।

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