पहले डीएम, फिर कमिश्नर, अब मुख्यमंत्री के सचिव बने IAS कौशल राज शर्मा, विषम से विषम परिस्थितियों में भी मैदान में डटे रहे, पसंदीदा अफसर को नहीं भूलेगा बनारस
2019 में बने वाराणसी के जिलाधिकारी
कौशल राज शर्मा को वाराणसी में उनकी बेहतरीन प्रशासनिक कार्यशैली के लिए जाना जाता है। वर्ष 2019 में जब भाजपा दोबारा सत्ता में आई, तभी उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया। इसके बाद वे मंडलायुक्त बने और लंबे समय तक उन्होंने बनारस के बदलाव में केंद्रीय भूमिका निभाई।

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में वाराणसी के प्रदर्शन के लिए उन्हें प्रधानमंत्री एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया था, जो इस बात का प्रमाण है कि वे केंद्र की योजनाओं को ज़मीन पर उतारने में कितने प्रभावी रहे हैं।
2006 बैच के हैं IAS अफसर
हरियाणा के भिवानी जिले के मूल निवासी कौशल राज शर्मा का जन्म 5 अगस्त 1978 को हुआ। टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में एमटेक और पब्लिक पॉलिसी में एमए करने के बाद उन्होंने 2006 में यूपी कैडर से आईएएस परीक्षा पास की। प्रयागराज, कानपुर जैसे प्रमुख जिलों में जिलाधिकारी के तौर पर काम करने के बाद उनका अनुभव और नजरिया वाराणसी के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुआ।

क्यों पसंद करते हैं पीएम मोदी?
वाराणसी में कौशल राज शर्मा की कार्यशैली ने कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रभावित किया। जब वे 2019 में डीएम बने, उस समय प्रदेश सरकार CAA और NRC जैसे मुद्दों को लेकर आलोचनाओं में थी। लेकिन कौशल ने हालात को न सिर्फ संभाला, बल्कि विकास परियोजनाओं को भी रफ्तार दी। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, सड़क चौड़ीकरण, पर्यटन विकास और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार—हर स्तर पर उनका प्रभाव देखा गया।
कोरोना महामारी के कठिन समय में भी उनका नेतृत्व उल्लेखनीय रहा। वे न सिर्फ स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने में सफल रहे, बल्कि जनसहयोग और प्रशासनिक संतुलन के उदाहरण भी पेश किए।

वाराणसी में दिया अमन चैन का संदेश
मुसलमानों की बड़ी आबादी वाले राजधानी लखनऊ में ढाई साल का कार्यकाल बिताकर आये जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने वाराणसी में भी अमन चैन का पैगाम दिया और 12 नवम्बर 2019 को बारावफात के बेनियाबाग में होने वाले प्रोग्राम में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद मुस्लिम भाइयों को बरावफ़ात की शुभकामनाएं दी और उन्हें यह भरोसा दिलाया कि पुलिस और प्रशासन उनके साथ हैं। कोई भी दिक्कत हो तो बेझिझक उन्हें सूचित करें।

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC के विरोध में पूरे देश में एक अल्प संख्यक समुदाय सड़क पर था। इसको लेकर समुदाय के लोगों को जिला प्रशासन समेत पुलिस समझा रही थी। 20 दिसंबर 2019 शुक्रवार के दिन बजरडीहा में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ जिला प्रशासन की वार्ता के दौरान अचानक माहौल बिगड़ गया था। पथराव, लाठीचार्ज और भगदड़ में नौ पुलिस कर्मी और 14 अन्य लोग गभीर रूप से घायल हो गए थे। हालांकि घायलों की संख्या अधिक थी। घायलों को बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। भगदड़ में घायल मोहम्मद सगीर की रात में मौत हो गई। इस दौरान DM कौशल राज शर्मा ने भी उपद्रवियों पर जमकर लाठी चलाई और उनके ही प्रयासों से मामले में भेलूपुर थाने में 28 नामजद और 2000 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।

पहली बार वाराणसी ने देखा इंटरनेट का बंद होना
बजरडीहा में जुमे की नमाज के बाद बवाल इस कदर बढ़ा कि जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने तुरंत ही शासन को इससे अवगत कराया और इंटरनेट बंदी की परमिशन ली और शहर में शाम तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी। इंटरनेट बंद होने से कई सारे काम रुक गए पर काशी के अमन-चैन के लिए यह आवश्यक था। इससे कई सारे ऑनलाइन कार्य भी प्रभावित हुए। शहर पर मंडरा रहे दंगों की आशंका को दूर करने के लिये हर स्तर पर प्रयास शुरू किये गये। शहर काजी मौलाना गुलाम यासीन के सहयोग से सड़क पर उतर कर मुस्लिमों को समझाने का काम हुआ।

बेनियाबाग को शाहीन बाग बनाने की कोशिश की नाकाम
CAA-NRC का मुद्दा देश में हावी हुआ तो दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर देश में कई जगह आंदोलन शुरू हुए। इसी क्रम में वाराणसी के बेनियाबाग में भी 23 जनवरी 2020 को कुछ महिलाएं हाथों में तख्तियां और गोद में बच्चों को लेकर पहुंच गयीं। विरोध शुरू हो गया, जैसे ही प्रशासन को इसकी सूचना मिली मौके पर भरी पुलिस फोर्स और प्रशासनिक अमले के साथ जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा मौके पर पहुंचे और महिलाओं को समझा-बुझाकर उनके घर भेजा साथ ही इस कृत्य में शामिल सैकड़ों लोगों के ऊपर कार्रवाई भी की।

कोरोना में जनता का किया सहयोग, मीडिया और पब्लिक के बीच बने चेन
साल 2020 में दुनिया ने कोरोना का कहर भी देखा। इस कहर से भारत भी अछूता नहीं रहा। वाराणसी में कोरोना वायरस का पहला केस 21 मार्च 2020 को मिला। इस मामले में जिलाधिकारी ने गंभीरता दिखाई और स्वास्थ्य अमले को अलर्ट कर दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने 23 मार्च से जनता कर्फ्यू का एलान किया। यह कर्फ्यू बढ़ता ही गया और लंबा लॉकडाउन बन गया।

खुद ग्राहक बनकर दुकान पर छापेमारी
कोरोना काल के बुरे दौर में जब पूरी दुनिया परेशान थी, जब 'आपदा में अवसर' तलाशने वाले भी सक्रिय हो उठे। जनता की ओर से लगातार कालाबाजारी की शिकायते भी आम हो चलीं। इसबीच एक दिन चुपचाप जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा और एसएसपी प्रभाकर चौधरी सादे कपड़ों में ग्राहक बनकर राशन की दुकान पर पहुंचे और कालाबाजारी करने वालों को रंगे हाथ पकड़ा। ये घटना देशभर के मीडिया की सुर्खियां बनीं। लोगों ने भी डीएम के इस कदम का खुले दिन से स्वागत किया।

इंसानों ही नहीं जानवारों के भी मददगार बने
लॉकडाउन में जब वाराणसी की जनता अपने अपने घरों में खुद को और अपने परिजनों की सुरक्षा के लिये बैठी थी उस वक्त भी जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा पूरे दिन सड़क पर जिले के एक छोर से दूसरे छोर तक व्यवस्थाओं की मॉनीटरिंग करते रहे। यहां तक कि सूनसान रातों में भी उन्हें शहर के विभिन्न इलाकों में जानवरों को भोजन कराते देखा गया। जिन आवारा कुत्तों को लॉकडाउन में खाने पीने की दिक्कत हुई डीएम ने खुद पहल करते हुए और समाजसेवियों की मदद से उनतक भोजन पहुंचवाया।

कोई भी भूखा न सोने पाये
इसके अलावा प्रवासी मजदूरों तथा सड़क किनारे रहने वाले गरीबों की भूख का इंतजाम कराने के लिये डीएम ने समाजसेवी संस्थाओं का आह्वान कर लोगों की मदद के लिये पास जारी किया। कोई भी भूखा ना सोने पाये इसके लिये लगातार प्रयास किया गया। इस कार्य में वाराणसी पुलिस ने भी भरपूर सहायता की और थाने-चौकियों से भी इलाके के गरीबों को भोजन उपलब्ध कराया जाने लगा। सबके सम्मिलित प्रयास से जून 2020 के बाद लॉकडाउन को पूरी तरह से हटाया गया और फिर व्यापारियों और स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से व्यवस्थाओं को पटरी पर लाया गया।

कोरोना गया तो आ धमका पाकिस्तानी टिड्डि दल
अभी कोरोना लॉकडाउन खत्म हो ही रहा था कि तभी जून 2020 में पाकिस्तान से टिड्डियों का एक दल उत्तर भारत की फसलों पर हमला बोलते हुए वाराणसी पहुंच गया। हालांकि इससे पहले ही डीएम ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को अलर्ट करते हुए खुद भी मोर्चा संभाल लिया और पिंडरा ब्लॉक के कई गांवों के खेतों में देर रात तक टिड्डियों के खिलाफ अभियान में जुटे रहे।

कोरोना की दूसरी लहर : सब छिप गये, मगर अपनी टीम के साथ मोर्चे पर डटे रहे कौशल
साल 2021 के फरवरी महीने में एक बार फिर अपने दूसरे और खतरनाक वैरिएंट के साथ कोरोना लौटा। लोगों को सांस लेने में दिक्कत होना शुरू हुई। 90 प्रतिशत मरीज पहले और बाद में 99 प्रतिशत मरीज अस्पतालों में एडमिट होने लगे। त्राहि-त्राहि के उस वक्त में जब स्थानीय जनप्रतिनिधि भी अपने अपने घरों में बैठ गये थे, उस वक्त भी जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने अपनी पूरी टीम के साथ वाराणसी में मोर्चा संभाले रखा। कोरोना का कहर तेज होने पर डीएम कौशल राज शर्मा खुद मीडिया के सामने आए और वाराणसी में दूसरी लहर से निपटने की तैयारियों के बाबत एक एक सवाल का सामना किया।

खुद व्यक्तिगत तौर पर भी करते रहे मदद
कोविड की दूसरी लहर के दौरान वाराणसी में पूरे सिस्टम को पटरी पर बनाये रखना सबसे बड़ा जोखिम का काम था, इस दौरान अल सुबह से लेकर देर रात तक डीएम कौशल राज शर्मा एक एक चीज की मॉनीटरिंग खुद करते रहे। वहीं इन सब के बीच वे व्यक्तिगत तौर पर लोगों की मदद करते भी दिखे। सीयूजी नंबर पर किसी भी परेशान व्यक्ति का फोन आने पर जरूरत के हिसाब से उसे अस्पताल में बेड उपलब्ध कराना, ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर रेमडिसीवर इंजेक्शन तक मुहैया कराते रहे।

मिला पूर्व ब्यूरोक्रेट एके शर्मा का साथ
इसी बीच शासन की ओर से पूर्व ब्येरोक्रेट और बीजेपी नेता ए के शर्मा को वाराणसी में कोविड से निपटने के लिये लगाया गया। पूर्व आईएएस एके शर्मा का साथ मिलते ही जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने युद्धस्तर पर वाराणसी में राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया, जिसका परिणाम रहा कि कुछ ही दिन में हालात काबू में आने लगे। डीएम ने अपने कॉन्टेक्ट्स के आधार पर विभिन्न जिलों से ऑक्सीजन मंगाना शुरू किया। बाद में किल्लत और बढ़ी तो उन्होंने सभी ऑक्सीजन प्रदाताओं को 24 घंटे ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल करने का आदेश दिया। उसके अलावा टाटा जमशेदपुर के स्टील प्लांट से पहले बाई रोड और फिर ट्रेन से ऑक्सीजन मंगवाना शुरू किया। इसके अलावा उन्ही के कार्यकाल में सेना की एक विंग डीआरडीओ ने वाराणसी में एक सुपर स्पेश्यलिटी अस्पताल भी बीएचयू में तैयार किया।

सरकारी योजनाओं को लगावाए पंख
वाराणसी में बीते ढाई साल में विकास कार्यों के तमाम प्रोजेक्ट्स ने मूर्त रूप लिया। इसके लिये भी एक बड़ा श्रेय IAS कौशल राज शर्मा को दिया जाएगा। उन्होंने जनपद में चल रही केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की भी समय-समय पर समीक्षा की और कार्यदायी संस्थाओं की क्लास भी लगायी। कई सारे कार्य को तय समय पर पूरा कराये जाने को लेकर उन्होंने कमिश्नर दीपक अग्रवाल के दिशानिर्देश में कई अहम् फैसले लिए और काशी में तमाम बड़ी योजनाओं को पूरा करवाया। इनमें रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर से लेकर श्री काशी विश्वनाथ धाम प्रोजेक्ट भी शामिल है।

सकुशल संपन्न कराया चुनाव, संयम से लिया काम
IAS कौशल राज शर्मा के कार्यकाल में विधानसभा चुनाव सकुशल संपन्न हुआ, साथ ही स्थानीय प्राधिकारी चुनाव को भी उन्होंने ने ही जिला निर्वाचन अधिकारी बनकर संपन्न करवाया। विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद 8 मार्च 2022 को पहड़िया मंडी में हुए बवाल को सयंमित तरीके से उन्होंने हैंडिल किया। आक्रोशित भीड़ उन्हें लगातार निशाना बनाते रही, अपशब्द कहती रही लेकिन वो पूरी तरह से संयमित बने रहे। पूरी रात जगकर उन्होंने ना सिर्फ ईवीएम मशीनों को चेक कराया बल्कि आक्रोशित नेताओं को भी समझाते बुझाते रहे। उनका वह संयम हमेशा वाराणसी की जनता याद रखेगी।

राष्ट्रीय स्तर पर मिली पहचान
2020 में फेम इंडिया की सूची में उन्हें देश के 50 सर्वश्रेष्ठ आईएएस अफसरों में शामिल किया गया। इसके बाद 2022 में उन्हें पीएम एक्सीलेंस अवार्ड मिला, जो उनके काम की राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता थी।

बतौर मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा के कार्यकाल में कई विकास कार्यों का शिलान्यास किया गया। इनमें सबसे प्रमुख काशी विश्वनाथ धाम का जीर्णोद्धार होने के बाद धाम को वैश्विक मुकाम तक पहुंचाना, रोपवे का शिलान्यास, गंजारी में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास एवं सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का लोकार्पण प्रमुख हैं। इनमें रोपवे अगले महीने शुरू होने की संभावना है।

कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी नहीं खोया अपना धैर्य
हरदम अपनी मासूम मुस्कुराहट के साथ नजर आने वाले जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा का पूरा कार्यकाल काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। चाहे बात लंबे और कठिन कारोना काल की हो, सीएए-एनआरसी जैसे ज्वलंत राष्ट्रीय मुद्दे पर वाराणसी में सियासी सरगर्मी को प्रशासनिक कुशलता से पार पाने की हो या बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने की, कौशल राज शर्मा ने धैयपूर्वक सभी चुनौतियों का ना सिर्फ सामना किया बल्कि काशी की जनता के लिये वे सदैव खड़े रहे। इन सब के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों की लंबी फेहरिस्त को गति देने के साथ ही तमाम महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा कराने की जिम्मेदारी निभाने वाले भी कौशल राज शर्मा ही रहे।

कौशल राज शर्मा ने पहले डीएम और फिर मंडलायुक्त रहते हुए शासन के विकास की बागडोर संभाली। विषम से विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने हार नहीं मानी, बस मुस्कुराते हुए चुनौतियों का सामना किया। ऐसे IAS अफसर को काशी कभी नहीं भूल पाएगी। आम नागरिकों की समस्याओं के प्रति उनकी गहरी दृष्टि ने भी उन्हें काशी का अबतक का सबसे लोकप्रिय प्रशासक बना दिया है।

