रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ: 1100 दीपों की रोशनी से सजा काशी का अस्सी घाट, गंगा आरती में गूंजे रामलला के जयकारे

Ganga Aarti
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वाराणसी। त्रेता युग की यादें ताजा करते हुए, काशी के अस्सी घाट पर भव्य गंगा आरती के दौरान 1100 दीप प्रज्वलित किए गए, और भगवान रामलला के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। यह आयोजन भगवान राम के नए मंदिर में विराजमान होने की प्रथम वर्षगांठ की खुशी में किया गया।

दीपों से सजी गंगा आरती

जय मां गंगा सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित इस आरती में मां गंगा की प्रतिमा के समक्ष रंगोली सजाई गई और श्रद्धालुओं ने प्रभु राम के भजन गाए। आरती स्थल पर भक्तों ने दीप प्रज्वलित कर भगवान राम के दिव्य मंदिर के निर्माण के लिए कृतज्ञता प्रकट की।

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500 वर्षों के बाद रामलला के मंदिर का सपना हुआ पूरा

आयोजन के प्रमुख यश ओझा ने कहा, "हमने बचपन से सुना था कि भगवान राम का मंदिर बनेगा। आज वह सपना साकार हो चुका है। लाखों श्रद्धालु अयोध्या में रामलला के दर्शन कर रहे हैं। यह हमारे सनातन धर्म की ऐतिहासिक जीत है।" उन्होंने यह भी कहा कि यह दिन बेहद शुभ है क्योंकि ठीक एक साल पहले प्रभु रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए थे।

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श्रद्धालु हुए भावविभोर

गंगा आरती के दौरान भक्तों ने राम भजन गाए और दीप जलाकर अपनी आस्था प्रकट की। आयोजन में सात विशेष पुरोहितों ने मंत्रोच्चार के साथ आरती संपन्न कराई। उपस्थित श्रद्धालु प्रभु राम की भव्यता और मंदिर निर्माण को लेकर गर्व और उत्साह से ओतप्रोत नजर आए।

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सांस्कृतिक और आध्यात्मिक उल्लास का संगम

गंगा आरती में शामिल भक्तों ने इसे अयोध्या में दीपावली जैसी अनुभूति बताया। इस आयोजन ने सनातन परंपराओं और भगवान राम के प्रति श्रद्धा को एक नई ऊंचाई दी। उपस्थित भक्तों ने कहा कि यह क्षण उनकी आस्था और गौरव को संबल प्रदान करता है।
 

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