किसानों ने कहा- घायलों को नही मिल रही चिकित्सकीय सुविधा, न कराया जा रहा मेडिकल
मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना को लेकर बवाल मामले में अपर पुलिस कमिश्नर से मिला सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल
रोहनिया थाने में किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमा स्पंज कराने की मांग
कहा-हमलोगों को एफआईआर भी दर्ज नही कर रही पुलिस, रिश्तेदारों को भी भेज दिया जेल
वाराणसी। मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना के विरोध में आंदोलनरत किसानों पर मंगलवार को लाठीचार्ज, पथराव और बवाल के दौरान किसानों की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ पर दर्ज मुकदमे को लेकर गुरूवार को सर्वदलीय नेताओं का प्रतिनिधिमंडल अपर पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह से उनके कार्यालय में मिला। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें ज्ञापन सौंपकर किसानों के खिलाफ गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमे को स्पंज कराने की मांग की है।
अपर पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन बैरवन गांव के किसान कृष्णा प्रसाद पटेल की ओर से दिया गया है। इसमें मोहनसराय ट्रांसपोर्ट योजना के तहत अबतक की स्थिति की संक्षिप्त जानकारी दी गई है। कहा गया कि किसानों ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। मामला अदालत में विचाराधीन होने के बावजूद मंगलवार को पुलिस और प्रशासनिक अफसर फोर्स के साथ मोहनसराय में जमीनों पर कब्जा लेने पहुंचे। किसानों ने विरोध किया तो उन्हें दौड़-दौड़ाकर पीटा गया। पुलिस व पीएसी के जवानों ने घरों के दरवाजे तोड़ दिये। महिलाओं और बच्चों को भी नही बख्शा गया। करीब एक दर्जन किसानों की गिरफ्तारी कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया। कई किसानों के रिश्तेदारों को भी पुलिस ने जेल पहुंचा दिया। प्रशासन पर आरोप लगाया कि घायल किसानों का मेडिकल नही होने दिया जा रहा है और न ही उन्हें चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। हमलोगों का एफआईआर भी पुलिस दर्ज नही कर रही है। ऐसी स्थिति में रोहनिया थाना प्रभारी को निर्देश दें कि वह हमलोगों का मुकदमा दर्ज करें और किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे को स्पंज किया जाय।
गौरतलब है कि मंगलवार को फोर्स के साथ पहुंचे वीडीए के अधिकारी व राजातालाब एसडीएम के नेतृत्व में अधिग्रहित जमीनों पर कब्जे के लिए जेसीबी चलने लगी। किसानों ने विरोध किया तो झड़प के बाद मारपीट, लाठीचार्ज, पथराव से भगदड़ मच गयी। इस दौरान कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हो गये। उधर, किसानों की ओर से मोहनसराय ट्रांसपोर्ट योजना के तहत प्रशासन की कई खामियों को बताते हुए मुकदमा दायर किया हुआ है। बुधवार को हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। अदालत में किसानों के पक्ष से अधिवक्ता ने बवाल के दौरान का वीडियो, फोटो आदि अदालत में प्रस्तुत किया था। घटना के दौरान घायल बैरवन गांव के पूर्व ग्राम प्रधान भी कोर्ट में मौजूद थे। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस मामले में स्थगन आदेश पारित कर दिया। अपर पुलिस कमिश्नर से मिलनेवाले प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय, पूर्व सांसद राजेश मिश्र, विजय शंकर पांडेय, सपा नेत्री रिबू श्रीवास्तव, बनारस बार के पूर्व महामंत्री नित्यानंद राय, कांग्रेस के महानगर व जिला अध्यक्ष, अपना दल (कृष्णा गुट) के अलावा अन्य दलों के नेता और अधिवक्ता रहे।
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