मशहूर अभिनेता आशुतोष राणा ने किया शिव तांडव का पाठ, रुद्राक्ष कंन्वेंशन सेंटर में 'काशी साहित्य कला उत्सव' का आगाज

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वाराणसी। सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में शनिवार को काशी साहित्य कला उत्सव का आयोजन किया गया। इसमें साहित्य व कला क्षेत्र की मशहूर हस्तियों ने शिरकत की। मशहूर अभिनेता आशुतोष राणा ने शिव तांडव स्त्रोत का पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। 

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शंखनाद और सरस्वती व गणेश वंदना से उत्सव (बनारस लिट फेस्ट) की शुरूआत हुई। उद्घाटन सत्र में राज्य सभा सांसद व साहित्यकार महुआ माजी,संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र, आंजनेय कुमार सिंह, अजीता श्रीवास्तव और चंद्रशेखर सिंह ने विचार रखे। प्रथम सत्र तीन बजे से 4.15 बजे तक काशी तुम्हें नमन में प्रो. नागेंद्र पांडेय, प्रो. राजेश्वर आचार्य, अमिताभ भट्टाचार्य, डॉ. विजय नाथ मिश्र, श्रीप्रकाश शुक्ल ने चर्चा की। दूसरे सत्र में 4.15 बजे से 5.30 बजे तक विश्व भाषा के रूप में हिंदी के वरिष्ठ पत्रकार व पूर्व कुलपति ओम थानवी, डॉ. रविंद्रकात्यायन, प्रो. निरंजन सहाय, आलोचक प्रो. प्रेम कुमार मणि व प्रो. वशिष्ठ अनूप रहे। शाम गीतकार समीर अंजान सफरनामा और म्यूजिकल इवेंट में शिरकत किया। 

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पहले दिन के महोत्सव के समानांतर सत्र में तीन बजे से नई वाली हिंदी स्टोरीबाजी पर लेखक दिव्य प्रकाश दुबे और संजय शैफर्ड शिरकत करेंगे। इतिहास मिथक एवं कविता पर चार बजे से इंडियन साइकेट्रिक सोसायटी के अध्यक्ष व कवि विनय कुमार व अवधेश प्रधान संवाद करेंगे। तीसरे कार्यक्रम में भारतेंदु पर दीपाली अग्रवाल और श्याम बिहारी श्यामल ने चर्चा की। सायंकाल विचार सत्र में वरिष्ठ आलोचक प्रेम कुमार मणि और रामकीर्ति शुक्ला शामिल हुए। अंतिम सत्र में इतिहासबोध एवं वस्तुनिष्ठता की अवधारणा में फिल्म समीक्षक संगम पांडेय और हर्षवर्धन राय ने चर्चा की। 

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टॉक आन प्रणव और मुशायरा होगा आकर्षण का केंद्र
महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को 11.30 बजे शायर शकील आजमी के साथ बनवास पर आधारित पुस्तक चर्चा होगी। इसके बाद इंडिया नाऊ एंड इन ट्रांजिशन द वे फारवर्ड फॉर इंडियन डेमोक्रेसी विषय पर पत्रकार उत्पल कुमार, ओमेर अहमद, गजाला वहाब, लेखक डॉ. बानीव्रता महंता चर्चा करेंगे। तीसरा कार्यक्रम एक बजे से विश्व एकत्व का मूल विषयक होगा। इसमें प्रो. अवधेश प्रधान, प्रो. राजेश्वर आचार्य, प्रो. सदानंद शाही, अशोकानंद, प्रो. देवब्रत चौबे शामिल होंगे। साहित्य, लोकतंत्र एवं राष्ट्रवाद विषयक कार्यक्रम दो बजे से होगा। इसमें वरिष्ठ पत्रकार व पूर्व कुलपति ओम थानवी, आलोचक प्रेम कुमार मणि, कवि बद्री नारायण, फिल्म समीक्षक संगम पांडेय होंगे। 

साहित्यकार व शायर करेंगे चर्चा
संभावनाएं एवं चुनौतियां विषयक परिचर्चा में टॉक आन प्रणव में लेखिका शर्मिष्ठा मुखर्जी अपने पिता व पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के जीवन पर चर्चा करेंगी। वरिष्ठ पत्रकार फरहत एहसास, कुंवर रंजीत सिंह, मोनिका सिंह और बृजेश सिंह होंगे। भारत दर्शन के कृष्ण मोहन, प्रो. विधि नागर चर्चा करेंगे। शाम को होने वाले मुशायरे में अंबरीष ठाकुर, प्रो. वसीम बरेलवी, मोनिका सिंह, मदन मोहन दीक्षित, सतीश सत्यार्थ, कुंवर रंजीत सिंह, फरहत एहसास, डॉ. नुसरत मेहंदी व शकील आजम रहेंगे।


विदेशिया से शुरुआत और कवि सम्मेलन से समापन
महोत्सव के अंतिम दिन कवि सम्मेलन, शास्त्रीय संगीत और सम्मान समारोह होगा। कवि सम्मेलन में सुरेंद्र शर्मा, मुमताज नसीम, अमन अक्षर, दान बहादुर सिंह, श्लेष गौतम, स्वयं श्रीवास्तव, मोनिका दुबे, विनम्र सेन सिंह, नितेश्वर कुमार, चेतना तिवारी काव्य पाठ करेंगी। शास्त्रीय संगीत के आयोजन में देवाशीष डे व विद्याधर व्यास की प्रस्तुतियां होंगी। शाम के सत्र में अभिनेत्री दीप्ति नवल भी शामिल होंगी। अंतिम दिन विदेशिया का नाट्य मंचन होगा। इसके साथ ही गोमती देवी उत्कृष्टता एवं नवभारत सर्जक सम्मान एवरेट विजेता संतोष यादव, परमवीर चक्र विजेता कैप्टेन योगेंद्र सिंह यादव, वीरांजनेयउलू अड्डेपली और कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा को दिया जाएगा।

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