फर्जी सिम और म्युल बैंक खातों के रैकेट का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार, ऐसे करते थे धोखाधड़ी

वाराणसी। पुलिस की साइबर सेल और थाना लालपुर-पाण्डेयपुर की संयुक्त टीम ने म्यूल बैंक खाते और फर्जी सिम कार्ड बनाकर साइबर अपराधियों को बेचने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के तीन सदस्यों को पहड़िया चौराहे के पास से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को यह सफलता एक नागरिक की शिकायत के बाद मिली, जिसने गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर अपने आधार से जुड़े मोबाइल नंबरों की जांच की थी।
डीसीपी प्रमोद कुमार ने बताया कि आवेदक मेहताब खान ने शिकायत की थी कि उसके नाम पर एक अतिरिक्त सिम चल रहा है, जिसकी उसे कोई जानकारी नहीं थी। इस मामले में थाना लालपुर-पाण्डेयपुर में मु.अ.सं. 0134/2025 के तहत धारा 318(2) बीएनएस 2023 और 66सी आईटी एक्ट में मामला दर्ज किया गया। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल, संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध राजेश कुमार सिंह, और पुलिस उपायुक्त साइबर क्राइम सरवणन टी. के निर्देश पर साइबर सेल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन स्तरीय जांच शुरू की। इस कार्रवाई में एक बैंक कर्मचारी, एक सिम बेचने वाला पीओएस एजेंट और एक दलाल को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपितों की पहचान सूर्यकांत विश्वकर्मा, विकास मौर्य और मोहम्मद अरमान के रूप में हुई है। ये आरोपित कम पढ़े-लिखे और गरीब लोगों को निशाना बनाकर उनके आधार और पैन कार्ड के जरिए फर्जी सिम और बैंक खाते खोलते थे। बाद में ये सिम और खाते दिल्ली, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के साइबर अपराधियों को बेच दिए जाते थे, जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन धोखाधड़ी में किया जाता था।
पुलिस ने इनके पास से 28 सिम कार्ड (एयरटेल, वीआई), 3 एंड्रॉइड मोबाइल फोन, 5 कीपैड मोबाइल, 7 डेबिट कार्ड, 5 बैंक पासबुक, 5 चेकबुक, 2 आधार कार्ड, बायोमेट्रिक मशीन और ₹820 नकद बरामद किए हैं। गिरफ्तारी के बाद बीएनएस की धारा 111 और आईटी एक्ट की धारा 76 को भी केस में जोड़ा गया है। साथ ही संबंधित टेलिकॉम कंपनी को पीओएस एजेंट का लाइसेंस रद्द करने और संबंधित बैंक को अपने कर्मचारी पर कार्रवाई के लिए सूचित किया गया है।
पुलिस टीम में साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार तिवारी, उपनिरीक्षक अजय कुमार पाण्डेय, हरिकेष यादव, कांस्टेबल विराट सिंह, अंकित गुप्ता, रविश राय, रोहित तिवारी, आदर्श सिंह, अखिलेश सोनकर, थाना लालपुर की पुलिस टीम में निरीक्षक राजीव कुमार सिंह, एसआई उमेश राय, अरुण कुमार, विद्यासागर, हेड कांस्टेबल प्रमोद यादव, सुनील कुमार पाण्डेय, कांस्टेबल रामआशीष यादव, जयश्री यादव और सूरज कुमार तिवारी शामिल रहे।