वरूणा में नहीं गिरेगा फैक्ट्रियों का कचरा, 137 करोड़ की डीपीआर शासन को भेजा
- मंडलायुक्त ने बैठक में असि और वरूणा नदी के पुनरूद्धार के बाबत की चर्चा
- नदियों के किनारे पौधारोपण कराने का दिया निर्देश, कचरा फेंकने वालों पर सख्ती
- वरूणा नदी में कचरा फेंकने वालों का वीडियो बनाकर जुर्माना लगाने का दिया निर्देश
वाराणसी। मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा की अध्यक्षता में वरूणा व असि नदी के पुनरुद्धार/ पुनर्स्थापना के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण से पारित आदेशों के अनुपालन में बैठक हुई। इसमें दोनों नदियों के संरक्षण को लेकर चर्चा की गई। मंडलायुक्त ने नदियों के किनारे पौधारोपण कराने और कचरा फेंकने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। वरूणा और मोरवा नदी में गिरने वाले औद्योगिक अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए 137 करोड़ का डीपीआर बनाकर शासन को भेजा गया है।
सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग की ओर से बताया गया कि बसूही नदी के पास मैलहन फूलपुर प्रयागराज के पास वरुणा नदी के पुनरुद्धार, आद्रभूमि संरक्षण, गाद निकालने, तटबंध विकसित करने तथा दोनों किनारों पर जैविक समुदाय विकसित करने आदि के संबंध में एसएमसीजी को डीपीआर भेजी जा चुकी है। मंडलायुक्त ने बसुही और मोरवा नदी के तटबंधों और रिपेरियन ज़ोन की बहाली के साथ वनस्पति विकास के लिए जिलाधिकारी प्रयागराज के पर्यवेक्षण में डीएफओ प्रयागराज को पौधारोपण को निर्देशित करते हुए उक्त के संबंध में एसडीएम, डीपीआरओ तथा बीडीओ की जिम्मेदारी तय करने को कहा।
मोरवा नदी में गिरने वाले अपशिष्ट जल प्रबंधन तथा वरुणा नदी में मिलने वाले औद्योगिक अपशिष्ट के प्रबंधन हेतु सिंचाई विभाग बंधी डिविजन द्वारा धोरैरा ड्रेन, दुर्गा ड्रेन, बस्ती/नया बाजार ड्रेन के संबंध में 137 करोड़ की डीपीआर शासन को भेजी गयी है। मंडलायुक्त ने इसको प्राथमिकता पर रखते हुए शासन से जल्दी स्वीकृति कराने के लिए प्रयास करने को निर्देशित किया। वरुणा नदी के संबंध में गाद निकालना और गाद से निकलने वाली सामग्री का उपयोग करके तटबंधों को मजबूत करना तथा किनारों पर वनस्पतियों के विकास करने हेतु भी निर्देशित किया। इस पर डीएफओ की ओर से जून-जुलाई में 18500 सैपलिंग रोपित की गयी है।
मंडलायुक्त की ओर से असि व वरुणा नदी के दोनों किनारों पर वन विभाग, पंचायती राज, मनरेगा की मदद दे बृहद पौदारोपण करने को निर्देशित किया। उन पौधों को रोपने के लिए निर्देशित किया जो की पानी में जीवित रह सकें। मंडलायुक्त ने नगर निगम व प्रदूषण विभाग को वरुणा किनारे स्थित होटेलों, प्रतिष्ठानों व निजी भवनों के खिलाफ अभियान चलाते हुए उनको अपने पीछे बिल्डिंग व नदी के बीच सघन पौधारोपण कराने हेतु निर्देशित किया। कहा कि नगर निगम वरूणा नदी के किनारे स्थित होटलों, भवनों द्वारा कूड़ा-कचड़ा, गंदगी नदी में फेंकते समय की फोटो, वीडियोग्राफी कराकर चिह्नित करते हुए जुर्माना लगाया जाए। मलजल उपचार के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सीडीओ तथा नगर क्षेत्र में नगर आयुक्त के निर्देशन में डीएफओ वाराणसी के सहयोग से वनस्पतियों के विकास के लिए लगातार पौधारोपण अभियान चलाने को निर्देशित किया गया।
जलनिगम की ओर से विभिन्न एसटीपी प्लांट की वर्तमान क्षमता बढ़ाने, जिसमें दीनापुर की वर्तमान क्षमता 80 एमएलडी को बढ़ाकर 220 एमएलडी, 140 एमएलडी दीनापुर को नॉर्म्स के हिसाब से सही करने तथा भगवानपुर में 50 एमएलडी क्षमता प्लांट को दिसंबर 2025 तक तैयार कराने का निर्देश दिया। बैठक में विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग, प्रभागीय वनाधिकारी स्वाति सिंह, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी यूके गुप्ता, जलनिगम के एक्सईएन आशीष सिंह, सिंचाई विभाग समेत परियोजना से जुड़े अधिकारी उपस्थित रहे।
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