BHU के भारत कला भवन में प्रदर्शनी, 'बनारस के नायाब ब्रोकेड' का प्रदर्शन, बनारसी वस्त्रों की उतकृष्टता से वाकिफ हो रहे लोग
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित भारत कला भवन में 22 नवंबर 2024 से शुरू 'बनारस ब्रोकेड' की प्रदर्शनी जारी है। टेक्सटाइल क्लोथिंग एंड रिसर्च सेंटर (टीसीआरसी), नई दिल्ली, ज्ञान प्रवाह, वाराणसी, और आईआईसीडी, जयपुर का संयुक्त सहयोग से आयोजित प्रदर्शनी में बनारस के नायाब ब्रोकेड का प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके जरिये लोग बनारसी वस्त्रों की उतकृष्टता से वाकिफ हो रहे हैं।

भारत कला भवन की सहायक क्यूरेटर डॉ. प्रियंका चंद्रा ने बताया कि प्रदर्शनी का उद्घाटन भारत कला भवन की पूर्व उपनिदेशक प्रो. जसमिंदर कौर ने किया था। इसी दिन 'बनारसः इसके वस्त्रों की कलात्मकता और परंपरा' विषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का भी आयोजन किया गया था। सेमिनार का उद्घाटन टीसीआरसी की अध्यक्ष डॉ. अनीमिका पाठक, आईआईसीडी की निदेशक डॉ. तूलिका गुप्ता, ज्ञान प्रवाह के प्रो. अंजन चक्रवर्ती और भारत कला भवन के निदेशक प्रो. श्रीरूप रायचौधरी ने किया था।

प्रदर्शनी में बनारसी वस्त्रों की कलात्मकता और उनकी परंपरा को दर्शाने वाले विशेष संग्रह प्रदर्शित किए गए हैं। यह प्रदर्शनी भारत कला भवन की गैलरी में 22 नवंबर 2024 से 18 जनवरी 2025 तक आमजन के लिए खुली रहेगी। इस दौरान देशभर से आने वाले दर्शक बनारसी वस्त्रों की उत्कृष्टता और सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि मुगलों के पतन के बाद बनारस में 17वीं और 18वीं शताब्दी में विकसित हुई फेब्रिक का प्रदर्शन किया जा रहा है। यहां मिरजई, साड़ी, दुपट्टा समेत जितने भी वस्त्रों का प्रदर्शन किया जा रहा है, वो सब नायाब हैं। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी और डिस्प्ले 18 जनवरी तक चलेगा। इसे देखने के लिए लोग आ रहे हैं और बनारस की कला को सराह रहे हैं।








