ई-रिक्शा चालकों की जीविका पर संकट, जिलाधिकारी से मिला प्रतिनिधिमंडल, रोजी-रोटी बचाने की लगाई गुहार

toto union
WhatsApp Channel Join Now
वाराणसी। काशी के ई-रिक्शा चालक प्रशासन के ओर से प्रस्तावित मार्ग और क्षेत्र सीमाओं को लेकर सोमवार को जिलाधिकारी से मिले। अखिल भारतीय ई-रिक्शा चालक यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण काशी ने 9 सूत्रीय मांग पत्र सौंपते हुए कहा कि यह प्रस्ताव उनकी आजीविका और रोजगार पर गंभीर संकट पैदा करेगा। 

ई-रिक्शा चालकों का आरोप है कि प्रस्तावित मार्ग और क्षेत्र सीमाएं उनकी कमाई को खत्म कर देंगी। कई चालक पहले से ही अपने ई-रिक्शा की बैंक किश्तें चुकाने में असमर्थ हैं, और इस तरह की सीमाएं उनके आर्थिक हालात को और बदतर बना देंगी। यूनियन ने मांग की है कि सरकार और प्रशासन उनके रोजगार को सुरक्षित रखने के लिए सकारात्मक कदम उठाए।

toto union

मुख्य मांगें:

1. रोजगार विरोधी प्रस्ताव की वापसी: यूनियन ने यातायात विभाग के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की, जो उनके अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आत्मनिर्भर भारत मिशन के खिलाफ है।
  
2. इलेक्ट्रॉनिक बसों का संचालन: यूनियन ने इलेक्ट्रॉनिक बसों को केवल मुख्य सड़कों और गांवों को जोड़ने के लिए सीमित करने की मांग की, जिससे ई-रिक्शा चालकों की रोजी-रोटी पर असर न पड़े।

3. बैटरी पर सब्सिडी: यूनियन ने बैटरी पर 50% सब्सिडी और जीएसटी की दर को 28% से घटाकर 5% करने की मांग की।

4. प्रशिक्षण और सुविधाएं: ई-रिक्शा चालकों के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण कार्यक्रम, स्टैंड, पार्किंग और चार्जिंग की व्यवस्था की मांग भी उठाई गई।

toto union

आजीविका पर संकट:

ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि महंगाई के इस दौर में उनका जीवनयापन पहले से ही मुश्किल हो गया है। अगर उनके रूट और एरिया को सीमित कर दिया गया, तो उनकी स्थिति और खराब हो जाएगी। कई चालकों के लिए रोजाना की कमाई इतनी कम हो गई है कि वे अपने परिवार का भरण-पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं।  जिलाधिकारी ने यूनियन के प्रदर्शन पर नाराजगी जताई और आरोप लगाया कि यूनियन राजनीति कर रही है। वहीं, यूनियन का कहना है कि वे केवल अपनी रोजी-रोटी की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 

toto union

यूनियन ने जाम की समस्या का समाधान प्रस्तुत करने की पेशकश की है, लेकिन प्रशासन ने उनकी बात अभी तक नहीं सुनी है। यूनियन का कहना है कि यदि ई-रिक्शा को मुख्य सड़कों से हटाया गया, तो गलियों में रहने वाले लोगों के लिए जाम की समस्या और गंभीर हो जाएगी।

यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर ई-रिक्शा चालकों के रोजगार को सुरक्षित रखने के लिए तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो उनकी स्थिति महाराष्ट्र के किसानों जैसी हो जाएगी, जहां कर्ज के बोझ से आत्महत्याएं हो रही हैं। इस दौरान यूनियन के जिलाध्यक्ष बबलू अग्रहरि, शशिकांत, रोमी पाठक, पप्पू सेठ, दीपक, पप्पू यादव, जे पी, अमित, विश्नू,  गौतम सैनी, त्रिलोकी विश्वकर्मा, सूनिता पांडे, राकेश, सुभाष पटेल, सुरज सेठ, सुनील कुमार, अभिषेक कन्नौजिया, रोहित सोनकर, सोनू, अजय विश्वकर्मा, पंकज अग्रवाल सहित सभी पदाधिकारी एवं सैकड़ों की तादाद में ई रिक्शा चालक जिलाधिकारी के समक्ष अपनी फरियाद ले कर पहुंचे।
 

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story