सावन में विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में नहीं मिलेगा प्रवेश, प्रोटोकाल दर्शन पर रोक, जानिये पूरी गाइडलाइन 

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वाराणसी। पवित्र श्रावण मास की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है। महादेव को प्रिय श्रावण में बाबा विश्वनाथ के दर्शन को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। ऐसे में मंदिर न्यास और प्रशासन तैयारी में जुट गया है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए विशेष व्यवस्थाएं लागू की गई हैं। गत वर्षों में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए इस बार मंदिर प्रशासन ने प्रोटोकॉल दर्शन पर पूर्णतः रोक लगा दी है। श्रावण मास के दौरान मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। केवल सावन के सोमवार को 21 यादव बंधुओं को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति होगी।

मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि राजनैतिक, न्यायिक या प्रशासनिक स्तर से प्राप्त प्रोटोकॉल के लिए कोई विशेष सुविधा नहीं दी जाएगी। इस संबंध में सभी को सूचित करने के लिए संसूचना प्रेषित की जाएगी। गत वर्षों के अनुभव के आधार पर अनुमान है कि श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए 8 से 10 घंटे तक लाइन में प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है। इसलिए श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे खाली पेट दर्शन के लिए न निकलें और अपनी सेहत का ध्यान रखें।

मंदिर में सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ सामग्रियों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। श्रद्धालुओं से अपील है कि वे मोबाइल, इयरफोन, स्मार्ट वॉच, पेन, बैग, या धातु की वस्तुएं अपने आवास या होटल पर ही छोड़कर आएं। इन वस्तुओं को मंदिर परिसर में लाने की अनुमति नहीं होगी।

श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है। काशी विश्वनाथ मंदिर, जो भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है, में इस दौरान लाखों श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की है ताकि दर्शन व्यवस्थित और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो सकें। यह व्यवस्था भक्तों की सुविधा और पवित्रता बनाए रखने के लिए लागू की गई है।

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