बनारस की सड़कों पर दौड़ेगी इलेक्ट्रिक बस, तो ई-रिक्शा चालकों के रोजगार पर आएगा संकट
- टोटो संघ के अध्यक्ष प्रवीण काशी ने ई-बसों का किया विरोध
वाराणसी। शहर में बीते कुछ वर्षों में टोटो (ई-रिक्शा) की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है। लोगों का मानना है कि इसके कारण शहर के यातायात पर काफी दबाव पड़ा है और अक्सर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसी क्रम में यातायात विभाग के ओर से अपर पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था ने टोटो चालकों संग एक मीटिंग की। जिसमें ई-रिक्शा चालकों और यातायात विभाग ने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने पर चर्चा की।
मीटिंग में टोटो चालकों ने अपनी समस्याओं को भी बताया, और कहा कि उनकी समस्याओं अभी तक दूर नहीं किया गया। जिसके बाद यातयात विभाग के ओर से निर्णय लिया गया है कि आगे और भी मीटिंग ऑर्गेनाइज की जाएगी। इसमें डीसीपी यातायात भी मौजूद रहेंगे और ई-रिक्शा चालकों की मांगों पर विचार किया जाएगा। प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारी व्यस्त हैं। इसके लिए अगली बैठक ऑर्गेनाइज की जाएगी।
अखिल भारतीय टोटो यूनियन के अध्यक्ष प्रवीण काशी ने कहा कि हमारी मुख्य मांग है कि टोटो चालकों के साथ उत्पीड़न होता है। इसका जल्द से जल्द समाधान हो। कहा कि जल्द से जल्द हमारा पार्किंग चार्जिंग एवं स्टैंड बन जाए। स्टैंड पार्किंग चार्जिंग के अलावा टोटो स्टॉप भी बने, जहां पर यात्री उतरना चाहता है वहां पर चालान नहीं काटना चाहिए।
कहा कि जैसे ही स्टैंड बनेगा, टोटो चालकों को बेवजह के चालान से मुक्ति मिल जाएगी। टोटो स्टॉप के रूप में स्टैंड पार्किंग और चार्जिंग स्टेशन का निर्माण हो। इसके अलावा जो 100 इलेक्ट्रिक बस लाने की बात हो रही है, इसका हम लोग पूरी तरह से विरोध दर्ज कर रहे हैं। अगर बस शहर की सड़कों पर चलेगी, तो टोटो चालकों की रोजी-रोटी पर संकट आएगा। नौजवान सड़क पर बेरोजगार हो जाएगा और उसका घर कैसे चलेगा?
कहा कि जहां पर हमारे नौजवानों को रोजगार नहीं है, वहां पर टोटो चलाकर आत्मनिर्भर हैं। प्रधानमंत्री भी कहते हैं, आत्मनिर्भर बनो। यदि बस बनारस में चलेगी, तो नौजवानों के रोजगार पर संकट आएगा।
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