झुनझुनवाला के यूपी-बिहार के ठिकानों पर ED का शिकंजा, 814 करोड़ की संपत्ति जब्त, JVL ग्रुप के निदेशकों को नोटिस भेज किया तलब
JVL ग्रुप कंपनियों के प्रमोटर सत्य नारायण झुनझुनवाला और आदर्श झुनझुनवाला के खिलाफ ED लगातार कार्रवाई कर रही है। JVL इंफ्रा हाइट्स लिमिटेड, जेवीएल मेगा फूड पार्क प्राइवेट लिमिटेड, जेवीएल सीमेंट लिमिटेड और प्रीमियम प्रेशर वेसल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के खाते ईडी ने सीज कर दिए हैं। वाराणसी (यूपी), रोहतास (बिहार), पालम (नई दिल्ली) और रायगढ़ (महाराष्ट्र) में स्थित 521 एकड़ जमीन भी सीज हुई हैं।
इडी ने IPC व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत किए गए अपराधों के लिए जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड और अन्य के खिलाफ सीबीआई लखनऊ द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर यह जांच शुरू की थी।
ED की जांच में सामने आया कि JVL की यूपी, बिहार, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में इकाइयां हैं। जो कि विभिन्न खाद्य तेलों का निमं व उसका व्यापार करती हैं। कंपनी अपनी विदेशी सहायक कंपनी जेवीएल ओवरसीज पीटीई के माध्यम से सिंगापुर व मलेशिया आदि देशों से कच्चा तेल व कच्चा माल आयात करती थी।
जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड पर आरोप है कि उसने अपने वित्तीय लेनदेन के विवरण को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया और उसके माध्यम से बैंकों से लोन लिया। कंपनी के प्रमोटर सत्य नारायण झुनझुनवाला ने जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड के फंड को ट्रांसफर करने के उद्देश्य से जेवीएल एग्रो समूह की कंपनियों के रूप में कागजी संस्थाओं का अधिग्रहण किया। सत्य नारायण झुनझुनवाला ने महालक्ष्मी इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट और रत्नप्रिया इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट नाम से दो ट्रस्ट भी पंजीकृत किए। ऐसी कागजी संस्थाओं के लगभग पूरे शेयर इन दो ट्रस्टों में स्थानांतरित कर दिए।
JVL ग्रुप ने बैंकों का 1992 करोड़ का किया नुकसान
ED की रिपोर्ट के मुताबिक, ये दोनों ट्रस्ट उनके नियंत्रण में हैं। सत्य नारायण झुनझुनवाला और उनके सहयोगियों के इस कृत्य के परिणामस्वरूप बैंक ऑफ बड़ौदा के नेतृत्व वाले बैंकों के संघ को लगभग 1992 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
इससे पहले 21 जून को ईडी ने जेवीएल समूह की कंपनियों, सत्य नारायण झुनझुनवाला और परिवार के सदस्यों और करीबी सहयोगियों के 12 परिसरों पर छापा मारकर तलाशी भी ली गई थी। छापों में धन के हेरफेर से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज व रिकॉर्ड बरामद हुए थे। मामले में आगे की जांच अभी जारी है।
कभी कपड़े की फेरी करते थे दीनानाथ झुनझुनवाला
जानकारी के मुताबिक, वाराणसी के प्रमुख कारोबारी दीनानाथ झुनझुनवाला (90 वर्ष) बिहार में भागलपुर के रहने वाले हैं। पत्नी किशोरी देवी (87) से उनके तीन बेटे थे। एक की मौत हो चुकी है। दो बेटे उनका कारोबार संभालते हैं। उन्होंने वाराणसी में BHU से ग्रेजुएशन किया था। शुरुआत में दीनानाथ फेरी लगाकर कपड़े बेचते थे। इसके बाद बिस्किट फैक्ट्री खोली। फिर 17 नवंबर 1989 को उन्होंने झुनझुनवाला वनस्पति लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाई। इस कंपनी की स्थापना जौनपुर जनपद के नाऊपुर में हुई। इस कंपनी ने वर्ष 1990 से वनस्पति तेल बनाना शुरू कर दिया और कारोबार चल पड़ा। शुरुआत में प्रतिदिन 25 टन तेल का कारोबार करने वाली कंपनी आगे चलकर में एक हजार टन प्रतिदिन का कारोबार करने लगी।
इसके बाद 2008 में कंपनी ने अपना नाम जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड किया। जेवीएल एग्रो ने वनस्पति, रिफाइंड सोयाबीन और सरसों तेल बनाया। झूला ब्रांड काफी लोकप्रिय हुआ। झुनझुनवाला का कारोबार इंडोनेशिया, चेकोस्लोवाकिया, मलेशिया और श्रीलंका में भी है।
एक हजार करोड़ से अधिक के फ्रॉड का आरोप
दीनानाथ झुनझुनवाला पर आरोप है कि उन्होंने एक हजार करोड़ से अधिक का बैंक फ्रॉड किया हैहै। इसमें पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा का करीब 900 करोड़ है। झुनझुनवाला और उनके परिवार ने 11 बैंकों से करोड़ों का लोन लिया था। लेकिन, अब तक लौटाया नहीं है।
उनकी कंपनी जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड सबसे बड़ी कर्जदार है। जेवीएल एग्रो ने देशभर में बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक की अलग-अलग बैंक शाखाओं से बड़ा लोन लिया था। आरोप है कि बैंकर्स से मिली भगत कर लोन लिए और उसे लौटाया नहीं।
खास बात यह है कि स्टॉक और बैलेंस शीट की गलत जानकारी देने के बावजूद बैंकों ने करोड़ों की क्रेडिट लिमिट दे दी थी। 2019 में सीबीआई ने जेवीएल एग्रो पर केस दर्ज किया था। सीबीआई केस के आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
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