काशी के इस कूप का जल पीने से मिलती है असाध्य रोगों से मुक्ति, भगवान धनवंतरी का मिलता है आशीर्वाद, जानिए कहां स्थित है प्राचीन ‘धनवंतरी कूप’

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वाराणसी। धर्म और आस्था की नगरी वाराणसी में कई प्राचीन मंदिर और धार्मिक स्थल हैं, जहां हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। लेकिन यहां एक खास स्थान ऐसा भी है, जिसके चमत्कारी गुणों के कारण श्रद्धालु इसे अद्वितीय मानते हैं। वाराणसी के मृत्युंजय महादेव मंदिर में स्थित यह प्राचीन कूप, जिसे "धन्वंतरि कूप" के नाम से जाना जाता है, अपने अद्भुत औषधीय गुणों के कारण लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस कूप के जल के बारे में मान्यता है कि इसके सेवन से कई प्रकार की बीमारियों, विशेष रूप से पेट और त्वचा के रोगों से राहत मिलती है। 

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धन्वंतरि कूप की मान्यता और इतिहास


धन्वंतरि कूप के संबंध में कहा जाता है कि यह जल देवताओं के आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि के आशीर्वाद से औषधीय गुणों से भरा हुआ है। किंवदंतियों के अनुसार, भगवान धन्वंतरि ने अपनी सभी औषधियों को इस कूप में डाल दिया था ताकि श्रद्धालु इसके जल का उपयोग कर विभिन्न रोगों से मुक्ति पा सकें। यही वजह है कि यहां दूर-दूर से लोग जल ग्रहण करने के लिए आते हैं। भगवान धन्वंतरि ने इसी स्थल पर धन्वंतरीश्वर महादेव की स्थापना भी की थी, जिससे यह स्थान और भी पवित्र और श्रद्धा का प्रतीक बन गया।

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चमत्कारी जल का प्रभाव  

धन्वंतरि कूप का जल औषधीय गुणों से युक्त माना जाता है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यह जल पीने से पेट और त्वचा संबंधी समस्याएं ठीक हो जाती हैं। इसके जल का उपयोग न केवल स्थानीय निवासियों द्वारा किया जाता है बल्कि यहां आने वाले श्रद्धालु भी अपनी आस्था और विश्वास के साथ इस जल का सेवन करते हैं। कहा जाता है कि धन्वंतरि कूप में मिले जल में कई प्रकार की औषधियां और प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का प्रभाव होता है, जो इसे चमत्कारी बनाता है। हालांकि इसके औषधीय गुणों के बारे में कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है, फिर भी लोगों का अटूट विश्वास इसे एक पवित्र स्थल के रूप में स्थापित करता है।

स्थानीय लोगों का विश्वास
 
धन्वंतरि कूप को लेकर कोई ऐतिहासिक या शास्त्रीय प्रमाण उपलब्ध नहीं है, लेकिन वाराणसी के लोग इसे अपनी आस्था और विश्वास का प्रतीक मानते हैं। श्रद्धालु यहां जल का सेवन कर अपनी बीमारियों से मुक्ति की कामना करते हैं। भले ही आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के पास इस जल के औषधीय गुणों का प्रमाण न हो, फिर भी लोगों की श्रद्धा ने इसे एक चमत्कारी स्थल का रूप दे दिया है, जहां वे अपने आराध्य देवता के आशीर्वाद से स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं।

 

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