डीएम ने पीएम कृषि सिंचाई योजना की समीक्षा की, तालाबों की फोटो मांगी, जल संरक्षण पर दिया जोर

वाराणसी। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई 2.0) की प्रगति और गुणवत्ता की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने जल संरक्षण और भूगर्भ जल स्तर को बनाए रखने हेतु संचालित योजनाओं पर विशेष जोर देते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। डीएम ने तालाबों में पानी भरने के बाद फोटो मांगी।
सीडीओ हिमांशु नागपाल ने जिलाधिकारी को परियोजना की अब तक की प्रगति से अवगत कराया। भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा योजना के प्रारंभ से अब तक की गतिविधियों की जानकारी दी गई, लेकिन कम प्रगति को लेकर जिलाधिकारी ने असंतोष जताया और शेष कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
डीएम ने विशेष रूप से तालाबों की उपयोगिता सुनिश्चित करने हेतु निर्देश दिया। कहा कि वर्षा के बाद तालाबों में जल भरने की स्थिति के फोटोग्राफ प्रस्तुत किए जाएं। इससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि चयनित स्थल जल संचयन के लिए उपयुक्त हैं या नहीं। बैठक में मटुका नाले के जीर्णोद्धार कार्य पर संतोष जताते हुए जिलाधिकारी ने अन्य प्राकृतिक नालों के पुनर्जीवन और संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने और प्राकृतिक जल संसाधनों को संरक्षित करने में सहायक होंगे।
वरूणा और अस्सी नदियों के सिकुड़ते क्षेत्रों को चिह्नित कर उन्हें पुनर्जीवित करने और वर्षा जल संग्रहण योग्य बनाने की दिशा में तकनीकी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश भूमि संरक्षण अधिकारी को दिए। संबंधित अधिकारियों ने जल्द ही सर्वेक्षण कर प्रस्ताव प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया।
डीएम ने गिरते भूजल स्तर और सिकुड़ते प्राकृतिक जलाशयों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में जल संकट की विभीषिका से निपटने के लिए जल आपूर्ति और मांग के बीच संतुलन बनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने भूमि संरक्षण इकाई को एक समग्र कार्य योजना तैयार कर उस पर त्वरित अमल के निर्देश दिए। बैठक में जिला विकास अधिकारी, उप कृषि निदेशक, सहायक अभियंता लघु सिंचाई, खंड विकास अधिकारी (आराजीलाइन एवं सेवापुरी), भूमि संरक्षण अधिकारी एवं तकनीकी कर्मचारी उपस्थित रहे।