डीएम ने संपूर्णानंद विश्वविद्यालय में निर्माण कार्यों की देखी गुणवत्ता, लेटलतीफी पर ठेकेदार को लगाई फटकार

वाराणसी। जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार ने गुरुवार को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्माण की भौतिक प्रगति की समीक्षा करते हुए कार्यदायी संस्थाओं को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। डीएम ने कैंपस की बाउंड्रीवॉल के निर्माण में हो रही देरी को लेकर ठेकेदार को कड़ी फटकार लगाई और कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड, भदोही के अभियंता को कार्य की नियमित निगरानी करने को कहा। जिलाधिकारी ने आवास विकास परिषद को निर्देश दिया कि सीवर लाइन, पुराने गेस्ट हाउस (शताब्दी भवन) की मरम्मत और अन्य कार्यों में मैनपावर बढ़ाकर शीघ्रता से कार्य पूर्ण कराएं।
सरस्वती भवन (ग्रंथालय) के मरम्मत और पुनरुद्धार कार्यों का निरीक्षण करते हुए उन्होंने विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया ताकि वहां संग्रहित पांडुलिपियों को कोई क्षति न पहुंचे। इसके अतिरिक्त कैंपस में प्रस्तावित ओपन मंच के निर्माण की डिजाइन और ड्राइंग से जिलाधिकारी को अवगत कराया गया। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा से चर्चा कर संबंधित पत्र की स्वीकृति प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण कराने और कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए।
अंत में जिलाधिकारी ने नए निर्माणाधीन वीवीआईपी गेस्ट हाउस के फाउंडेशन कार्य का जायजा लिया। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कूड़ा प्रबंधन और सड़क निर्माण से संबंधित समस्याएं भी जिलाधिकारी के समक्ष रखी गईं, जिनके समाधान का उन्होंने आश्वासन दिया। निरीक्षण के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव और कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी उपस्थित रहे।