डीएम और आला अधिकारियों ने वाराणसी में भीड़ प्रबंधन की तकनीकी देखी, टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन व सहयोगी संगठनों ने दिया प्रजेंटेशन
वाराणसी। शहर में बढ़ती भीड़ (क्राउड) को नियंत्रित करने के लिए नगर निगम की ओर से एक नई पहल की गई। इस पहल के तहत टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन (TMF) ने अपने सहयोगी संगठनों के साथ होटल ताज में आयोजित कार्यशाला में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष भीड़ प्रबंधन की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यशाला का शुभारंभ नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने किया। उन्होंने सभी उपस्थित अधिकारियों और संस्थाओं को धन्यवाद दिया। इस दौरान टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन, डब्ल्यूआरआई इंडिया और द अर्बन लैब के प्रतिनिधियों ने वाराणसी के विभिन्न क्षेत्रों में किए गए सर्वेक्षण और तीन वर्षों के आंकड़ों पर आधारित भीड़ प्रबंधन के प्रस्ताव पेश किए।
भीड़ प्रबंधन सर्वेक्षण के प्रमुख निष्कर्ष
संस्था के अध्ययन के अनुसार, वाराणसी में 2023 के बाद भीड़भाड़ बढ़ी है, विशेष रूप से देव दीपावली और महाशिवरात्रि के अवसरों पर। भीड़भाड़ वाले प्रमुख क्षेत्रों में गिरजाघर से दशाश्वमेध घाट, गोदौलिया से मैदागिन और अस्सी घाट शामिल हैं। प्रस्तुतिकरण में यह भी बताया गया कि वास्तविक समय में भीड़ के आंकड़ों का विश्लेषण कर शहर की गतिशीलता और पैदल यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाया जा सकता है।

क्राउड मैपिंग और डेटा परीक्षण
प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि डेटा आधारित क्राउड मैपिंग से पूर्वानुमान लगाकर भीड़ नियंत्रण के लिए रणनीतियां विकसित की जाएंगी। इसके तहत बेनियाबाग में होल्डिंग एरिया बनाने का सुझाव दिया गया, जिससे अत्यधिक भीड़भाड़ वाले इलाकों में नियंत्रण किया जा सके।
सस्टेनेबल सिटीज चैलेंज
टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यशाला को "सस्टेनेबल सिटीज चैलेंज" नाम दिया गया, जिसके तहत 9 मिलियन डॉलर की वैश्विक चुनौती में 10 इनोवेटर्स को जोड़ा गया। वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड, चैलेंज वर्क्स और वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट के सहयोग से विकसित इस योजना का उद्देश्य वाराणसी में भीड़ नियंत्रण के लिए डेटा-संचालित समाधान खोजना और उन्हें लागू करना है।

टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन के कार्यकारी कार्यक्रम निदेशक प्रस गणेश ने कहा, "वाराणसी एक ऐतिहासिक शहर है, लेकिन इसकी गतिशीलता की समस्याएं आज भी बनी हुई हैं। डेटा और तकनीक के माध्यम से इन चुनौतियों से निपटने की आवश्यकता है।" चैलेंज वर्क्स की निदेशक कैथी नॉथस्टीन ने कहा कि यह पहल भीड़ और गतिशीलता की चुनौतियों का समाधान ढूंढने में कारगर होगी। डब्ल्यूआरआई इंडिया के कार्यकारी कार्यक्रम निदेशक ने कहा कि इनोवेटर अकादमी के माध्यम से डेटा-संचालित समाधान विकसित कर वाराणसी जैसे घने शहरी क्षेत्रों में यातायात और भीड़ प्रबंधन को प्रभावी बनाया जा सकता है।
जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने सुझाव दिया कि इस योजना में और सुधार किए जा सकते हैं, विशेष रूप से दालमंडी के चौड़ीकरण के बाद वहां की आवाजाही और होल्डिंग एरिया विकसित करने पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने स्थानीय नागरिकों से सुझाव लेने की भी बात कही, जिससे योजना को अधिक प्रभावी बनाया जा सके। कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, अपर पुलिस आयुक्त प्रमोद कुमार, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के एसडीएम शंभूशरण, डीसीपी राजेश कुमार पांडेय, वाराणसी छावनी बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्यम मोहन, स्टेशन निदेशक अर्पित गुप्ता, अपर जिलाधिकारी प्रकाश चंद्र, अपर नगर आयुक्त सविता यादव, स्मार्ट सिटी के मुख्य अभियंता अमरेंद्र तिवारी और टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन के अधिकारी उपस्थित रहे।

