मंडलायुक्त ने रमना और करसड़ा वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट का किया निरीक्षण, कंपोस्ट बनाने की प्रक्रिया देखी, फ्लो चार्ट लगाने का दिया निर्देश 

WhatsApp Channel Join Now

वाराणसी। मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने शनिवार को करसड़ा और रमना स्थित वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट्स का निरीक्षण किया। इस दौरान कचरा निस्तारण व संसाधन पुनर्चक्रण की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। वहीं कचरा ले आने से कंपोस्ट खाद तैयार करने तक की प्रक्रिया देखी। उन्होंने कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधियों को एक फ्लो चार्ट लगाने का निर्देश दिया, जिससे पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी मिल सके। 

प्रोसेसिंग, कम्पोस्ट और RDF पर विशेष ध्यान
मंडलायुक्त ने सबसे पहले करसड़ा स्थित वेस्ट टू कंपोस्ट प्लांट का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने प्लांट की संचालन प्रणाली, रखरखाव, और अपशिष्ट निस्तारण प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने कचरे के आगमन से लेकर कंपोस्ट और RDF (Refuse Derived Fuel) बनाने की प्रक्रिया को प्रत्यक्ष रूप से देखा।

vns

कार्यदायी संस्था मेसर्स ईस्टर्न ऑर्गेनिक फर्टिलाइज़र प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने उन्हें बताया कि प्रतिदिन प्लांट में आने वाले कचरे की मात्रा, उसका प्रकार और निस्तारण की प्रणाली को सुव्यवस्थित रूप से संचालित किया जा रहा है। मंडलायुक्त ने पूछा कि कंपोस्ट सेक्शन कब तक पूरी तरह कार्यशील हो जाएगा, जिस पर संस्था द्वारा शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया गया।

इसके साथ ही उन्होंने RDF और कंपोस्ट के निस्तारण और उपयोग की प्रक्रिया की भी जानकारी ली, ये उत्पाद कहां और किन माध्यमों से उपयोग किए जा रहे हैं। प्लांट परिसर में स्थित लीचेट ट्रीटमेंट प्लांट (LTP) की वर्तमान स्थिति का भी जायजा लिया गया।

vns

फ्लो चार्ट से आगंतुकों को मिलेगी स्पष्ट जानकारी
निरीक्षण के दौरान मंडलायुक्त ने एक महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए कहा कि वेस्ट प्रोसेसिंग प्रक्रिया का संपूर्ण फ्लो चार्ट प्रशासनिक भवन परिसर में प्रदर्शित किया जाए। इससे प्लांट में आने वाले आगंतुकों, छात्रों और पर्यवेक्षकों को पूरी प्रक्रिया सहजता से समझाई जा सकेगी।

उन्होंने पूर्व में डंप किए गए लिगेसी वेस्ट के निस्तारण की स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिया। साथ ही, एनटीपीसी द्वारा पहले स्थापित लेकिन अब तक बंद पड़े वेस्ट टू एनर्जी प्लांट को पुनः क्रियाशील करने के निर्देश भी कार्यदायी संस्था को दिए।

भारत का पहला वेस्ट टू चारकोल प्रोजेक्ट
इसके बाद मंडलायुक्त ने रमना स्थित वेस्ट टू चारकोल प्लांट का निरीक्षण किया, जिसे एनटीपीसी के सहयोग से स्थापित किया गया है। यह भारत का पहला ऐसा प्लांट है, जिसमें कचरे से चारकोल बनाया जाता है। इसकी कुल निस्तारण क्षमता 600 टन प्रतिदिन है। प्लांट में 200-200 टन की तीन यूनिट स्थापित हैं, जिनमें फिलहाल दो यूनिट क्रियाशील हैं।

प्लांट संचालकों ने बताया कि रोज़ाना 400 टन कचरे का निस्तारण किया जा रहा है और उससे उत्पादित चारकोल का उपयोग बिजली उत्पादन में हो रहा है। इस पहल को मंडलायुक्त ने टिकाऊ विकास की दिशा में एक उत्कृष्ट कदम बताया।

स्थानीय जनभागीदारी पर जोर
निरीक्षण के अंत में मंडलायुक्त ने निर्देश दिया कि प्लांट के कार्यकलापों से स्थानीय निवासियों को भी अवगत कराया जाए ताकि उनकी सहभागिता और जागरूकता बढ़े। उन्होंने कहा कि यह न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देगा, बल्कि लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति चेतना भी विकसित करेगा।

निरीक्षण के दौरान मंडलायुक्त द्वारा परिसर में पौधारोपण भी किया गया। इस मौके पर एनटीपीसी व कार्यदायी संस्था से अमित सिंह, अश्विनी प्रकाश, संजीव दास, तथा नगर निगम के करसड़ा प्लांट से अश्विनी मिश्रा समेत संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

इस व्यापक निरीक्षण से स्पष्ट है कि वाराणसी में कचरा निस्तारण को लेकर प्रशासनिक स्तर पर ठोस और नवाचारयुक्त कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे शहर को स्वच्छ और सतत विकास की ओर अग्रसर किया जा सके।

Share this story