मंडलायुक्त ने कमिश्नरी न्यायालय का किया निरीक्षण, लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश

निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि आयोग और मुख्यमंत्री पोर्टल पर कोई भी मामला लंबित नहीं है। मंडलायुक्त ने अभिलेखागार का भी जायजा लिया और निर्देश दिया कि वीडिंग के लिए चिन्हित फाइलों को इसी माह नष्ट कर दिया जाए ताकि अभिलेखागार में स्थान खाली हो सके।
इसके अलावा, मंडल विभाजन के पूर्व की मिर्जापुर और आजमगढ़ मंडल की कुछ फाइलें अब तक संबंधित मंडलों को नहीं भेजी गई थीं। मंडलायुक्त ने इन फाइलों को अगले सप्ताह तक वहां स्थानांतरित करने के निर्देश दिए और इस संबंध में संबंधित मंडलायुक्त से चर्चा भी की।
निरीक्षण के दौरान विभिन्न अभिलेखों की जांच की गई और उन्हें व्यवस्थित करने के निर्देश दिए गए। न्यायालय में अभी भी कई कार्य मैन्युअल रजिस्टर के माध्यम से किए जा रहे हैं, जिनके भविष्य में कंप्यूटरीकरण की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए गए।
मंडलायुक्त ने जौनपुर, गाजीपुर और चंदौली के न्यायालयों का भी निरीक्षण किया और लंबित वादों के निस्तारण में पुराने मामलों को प्राथमिकता देने की बात कही। जिन मामलों की सुनवाई पूरी हो चुकी है, उनके आदेश दो दिनों के भीतर अपलोड करने के निर्देश भी दिए गए। पेशकारों की जिम्मेदारी तय करने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों से न्यायालयों के कार्यभार को कम किया जा सकता है।
मंडलायुक्त ने न्यायालयों और कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा कि मार्च माह में लगभग सभी कार्य समय पर पूरे किए गए हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को इसी गति से कार्य जारी रखने के लिए प्रेरित किया।
निरीक्षण के दौरान न्यायालय परिसर और पटलों पर साफ-सफाई की उचित व्यवस्था को देखकर मंडलायुक्त ने दोनों अपर आयुक्तों और कर्मचारियों की प्रशंसा की। इस दौरान अपर आयुक्त प्रशासन, अपर आयुक्त न्यायिक और न्यायालय के सभी कर्मचारी उपस्थित रहे।