मंडलायुक्त और एनडीआरएफ उपमहानिरीक्षक ने बोट पर सवार होकर गंगा में किया भ्रमण, बाढ़ का लिया जायजा
वाराणसी। गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर चुका है। मध्य प्रदेश में बीते तीन दिनों से हो रही भारी वर्षा के चलते आगामी दिनों में जलस्तर के खतरे के निशान को पार करने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इस संभावित आपदा से निपटने के लिए प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है।
इसी क्रम में मंडलायुक्त एस. राजलिंगम एवं 11वीं एनडीआरएफ के उपमहानिरीक्षक मनोज शर्मा ने संयुक्त रूप से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान गंगा घाटों के साथ-साथ वरुणा नदी के किनारे स्थित कोनिया, सलारपुर, हुकुलगंज और चौकाघाट इलाकों का भी जायजा लिया गया। अधिकारियों ने स्थलीय निरीक्षण कर तैयारियों का आकलन किया और आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

निरीक्षण दल के साथ स्थानीय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। अधिकारियों ने बाढ़ प्रबंधन से संबंधित राहत एवं बचाव कार्यों, राहत शिविरों की स्थापना, आवश्यक सामग्री की आपूर्ति, और त्वरित कार्य योजना की समीक्षा की। साथ ही संभावित प्रभावित क्षेत्रों में समन्वित रणनीति तैयार करने पर भी चर्चा की गई, ताकि आपातकालीन स्थिति में कोई जान-माल की हानि न हो।
उपमहानिरीक्षक मनोज शर्मा ने कहा कि एनडीआरएफ की टीमें पूरी तरह से तैयार हैं और स्थानीय प्रशासन के साथ निरंतर संपर्क में हैं। किसी भी आपात स्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों को तुरंत शुरू किया जाएगा। मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे हर स्तर पर सतर्कता बनाए रखें, राहत सामग्री और चिकित्सकीय सुविधाएं पहले से तैयार रखें और संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगरानी बरती जाए।

