पद्मभूषण प्रोफेसर देवी प्रसाद द्विवेदी से जिलाधिकारी ने की मुलाकात, SIR पर की चर्चा 

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वाराणसी। भारत सरकार द्वारा पद्मश्री एवं पद्मभूषण से सम्मानित उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर तथा काशी विश्वनाथ मंदिर के आचार्य महामहोपाध्याय पद्मभूषण प्रो. देवी प्रसाद द्विवेदी एक बार फिर प्रशासनिक और नागरिक समन्वय के प्रभावशाली केंद्र के रूप में सामने आए। उनके आवास पर जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने मुलाकात की। इस दौरान एसआईआर को लेकर चर्चा की गई। प्रोफेसर द्विवेदी ने एसआईआर को लोकतंत्र की मजबूती के आधार स्तंभ बताया। 

जिलाधिकारी की यह भेंट केवल औपचारिक शिष्टाचार तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह प्रो. द्विवेदी के सामाजिक, बौद्धिक और राष्ट्रीय योगदान के प्रति प्रशासनिक सम्मान का प्रतीक बनी। इस अवसर पर प्रशासन और समाज के बीच सहभागिता को सुदृढ़ करने वाले विषय SIR (स्टेटस इन्फॉर्मेशन रजिस्ट्रेशन) को लेकर गहन, सार्थक और विस्तृत चर्चा हुई।

जिलाधिकारी ने प्रो. देवी प्रसाद द्विवेदी एवं उपस्थित पारिवारिक सदस्यों को SIR फॉर्म के उद्देश्य, इसकी आवश्यकता, प्रशासनिक महत्त्व तथा दीर्घकालिक उपयोगिता के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि SIR व्यवस्था नागरिकों की पहचान, योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और प्रशासनिक पारदर्शिता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए पद्मभूषण प्रो. देवी प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि SIR जैसे दस्तावेज लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने वाले आधारभूत स्तंभ हैं। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मठ प्रशासनिक नीति का प्रतिफल बताया। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि SIR नागरिक पहचान की मजबूती, प्रशासनिक जवाबदेही और जनविश्वास को बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम है।

उन्होंने यह भी कहा कि जब नागरिक सही, प्रमाणिक और अद्यतन जानकारी के साथ प्रशासन से जुड़ते हैं, तभी सुशासन की अवधारणा वास्तविक धरातल पर साकार होती है। उन्होंने नागरिक कर्तव्यों और प्रशासनिक सहयोग को एक-दूसरे का पूरक बताते हुए कहा कि SIR के माध्यम से आमजन की सक्रिय भागीदारी न केवल सरकारी नीतियों को अधिक प्रभावी बनाती है, बल्कि शासन और समाज के बीच विश्वास को भी और अधिक सुदृढ़ करती है।

प्रो. देवी प्रसाद द्विवेदी ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे SIR फॉर्म को गंभीरता से भरें और राष्ट्रनिर्माण की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनें। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती तभी संभव है जब नागरिक सजग, जिम्मेदार और सहभागी हों।

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