'गुंडों, माफिया और अपराधियों की भाभी हैं डिंपल यादव, दें हमारे मंगलसूत्र का हिसाब'
- सपा समर्थित माफिया गैंग्स के शिकार लोगों की विधवाओं ने डिंपल यादव पर साधा निशाना
- अधिवक्ता उमेश पाल, पूर्व विधायक कृष्णानंद राय और पूर्व डिप्टी मेयर अनिल सिंह की पत्नियों ने डिंपल से पूछे सवाल
- अलका राय ने डिंपल से पूछा, जब मेरा मंगलसूत्र छिना तब आप कहां थीं
- उमेश पाल की पत्नी ने कहा, डिंपल को नहीं है पुलवामा पर कुछ बोलने का हक
- वाराणसी के पूर्व डिप्टी मेयर अनिल सिंह की पत्नी ने कहा योगी राज में माफियाओं का हो रहा गिन गिन कर सफाया
लखनऊ/वाराणसी। पुलवामा आतंकी हमले पर राजनीतिक बयानबाजी के बाद सपा नेत्री डिंपल यादव उन महिलाओं के निशाने पर आ गई हैं, जिनके पतियों की हत्या सपा सरकार में पोषित माफियाओं द्वारा कर दी गई थी। मंगलसूत्र वाले डिंपल के बयान पर पूर्व विधायक स्व. कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय, प्रयागराज के अधिवक्ता स्व. उमेश पाल की पत्नी जया पाल और वाराणसी के पूर्व डिप्टी मेयर स्व. अनिल सिंह की पत्नी सीता सिंह ने तगड़ा पलटवार किया है। महिलाओं ने समाजवादी पार्टी द्वारा पाले-पोसे गये मुख्तार और अतीक जैसे अपराधियों द्वारा की गई हत्याओं का मुद्दा उठाते हुए अपने अपने मंगलसूत्र का हिसाब डिंपल यादव से मांगा है।
प्रयागराज के अधिवक्ता दिवंगत उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा है कि पुलवामा की बात डिंपल यादव को शोभा नहीं देती। उन्होंने कहा कि डिंपल यादव गुंडों, माफिया और अपराधियों की भाभी हैं। आज जब चुन चुनकर सारे माफिया का सफाया हो रहा है, तो उन्हें यह नहीं भा रहा। मेरी जैसी कई बहनों का मंगलसूत्र सपा पोषित माफियाओं ने छीना है। उस वक्त डिंपल कहां थी, जब मेरे पति और दो पुलिसकर्मियों को गोलियों से छलनी किया जा रहा था। न जाने कितने बच्चों को अनाथ किया गया। कितनी ही बहनें अपने भाइयों की कलाई को याद करके रोती रहती हैं। मंगलसूत्र उतारने और चूड़ियां तोड़ने का दर्द डिंपल नहीं नहीं समझ सकेंगी।
उनकी पार्टी देश का इस्लामीकरण करना चाहती हैं और इस्लाम में मंगलसूत्र का कोई महत्व नहीं है। जया पाल ने यह भी कहा कि जिस दिन रामभक्तों पर उनके ससुर ने गोलियां चलवाई थीं, उन विधवाओं के मंगलसूत्र का हिसाब कौन देगा। कैराना, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर में जिनके सुहाग उजड़े उनके मंगलसूत्र का क्या होगा। डिंपल अगर सैफई से बाहर निकलें तो देखेंगी कि हमारे बहादुर जवानों ने पुलवामा हमले का बदला सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए पूरी बहादुर से ले लिया है।
पूर्व विधायक स्व. कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने कहा कि मेरे पति की हत्या के वक्त सात लोगों की हत्या हुई थी। उसमें ब्लॉक प्रमुख से लेकर पुलिसकर्मी तक शामिल थे। उस समय डिम्पल जी कहां थीं। एक बार भी वह विधवाओं और अनाथ बच्चों के आंसुओं को पोंछने क्यों नहीं गईं। इंसाफ के लिए हम दर-दर भटकते रहे, तब सपा सरकार ने हमारा कोई साथ नहीं दिया। उस वक्त लाल कृष्ण आडवाणी और राजनाथ सिंह जैसे नेता धरने पर बैठे थे, मगर सपा का कोई नेता हमारे आंसुओं को पोंछने नहीं आया।
वाराणसी के पूर्व डिप्टी मेयर दिवंगत अनिल सिंह की पत्नी सीता सिंह ने भी डिम्पल यादव के बयान पर कहा कि वह पुलवामा मामले में न बोलें तो ज्यादा अच्छा होगा, क्योंकि पुलवामा को लेकर मोदी सरकार बेहतर ढंग से हिसाब किताब कर रही है। मगर, सपा सरकार के दौरान मुख्तार अंसारी ने मेरे पति और देवर की हत्या कराई। मेरे जैसी तमाम महिलाएं हैं, जिन्होंने माफियाओं द्वारा उनके पतियों की हत्या के बाद छोटे छोटे बच्चों को लेकर किस तरह उनका पालन पोषण किया। उन्होंने बताया कि किसी भी सरकार में हमें न्याय नहीं मिला अब योगी जी के राज में माफियाओं का गिन गिनकर सफाया हो रहा है।
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