जेठ की तपिश से राहत दिलाने को भक्त भगवान जगन्नाथ को कराएंगे स्नान, भक्तों के प्रेम में प्रभु पड़ जाएंगे बीमार

भगवान जगन्नाथ
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वाराणसी। जेठ की तपिश से राहत दिलाने के लिए भक्त भगवान जगन्नाथ को गंगा जल से स्नान कराएंगे। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन अस्सी घाट स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर में भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को गंगाजल से स्नान कराया जाएगा। भक्तों के प्रेम में प्रभु बीमार पड़ जाएंगे। इसके साथ की काशी के लक्खा मेलों में शुमार रथयात्रा मेला की शुरूआत होगी। 

22 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन अस्सी घाट स्थित मंदिर में भक्तों का रेला उमड़ेगा। भक्त भगवान जगन्नाथ को सुबह से शाम तक गंगाजल के स्नान कराएंगे। सुबह से शाम तक स्नान के कारण प्रभु की तबीयत बिगड़ जाएगी। इसके बाद 15 दिनों के विश्राम पर चले जाएंगे। प्रभु जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र को मंदिर के गर्भगृह की छत पर उत्तर पूर्व स्थित स्नान वेदी पर विराजमान कराया जाएगा। 

सूर्योदय के साथ तीनों विग्रहों का विधिविधान से पूजन होगा। आरती के बाद पंच पल्लव मिश्रित गंगाजल के 108 मटकों से स्नान कराया जाएगा। इसके बाद भक्त प्रभु को स्नान कराएंगे। स्नान करते-करते प्रभु बीमार पड़ जाएंगे। उसके बाद स्वास्थ्य लाभ के लिए भगवान 15 दिनों तक विश्राम करेंगे। पांच जुलाई तक मंदिर के कपाट बंद रहेंगे। इसके बाद श्वेत वस्त्र धारण कर भक्तों को दर्शन देंगे। 

प्रभु की डोलीयात्रा निकाली जाएगी। यात्रा अस्सी से दुर्गाकुंड, नवाबगंज, राममंदिर कश्मीरीगंज, खोजवां, शंकुलधारा, बैजनत्था, कमच्छा से होते हुए बेनीराम बाग, शापुरी भवन के लिए प्रस्थान करेगी। इसके साथ ही सात जुलाई से तीन दिवसीय रथयात्रा मेला की शुरूआत होगी।

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