निर्जला एकादशी के स्नान से सभी एकादशी का मिलता है पुण्य, काशी में गंगा घाटों पर उमड़े आस्थावान

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वाराणसी। निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर काशी के प्रसिद्ध दशाश्वमेध समेत अन्य प्रमुख घाटों पर श्रद्धा और भक्ति का महासंगम देखने को मिला। तड़के भोर से ही लाखों श्रद्धालु मां गंगा के पवित्र जल में स्नान के लिए उमड़ पड़े। घाट पर हर तरफ भक्तों की लंबी कतारें, धार्मिक मंत्रोच्चार और गंगा आरती की गूंज से पूरा वातावरण आध्यात्मिक हो उठा। ऐसी मान्यता है कि निर्जला एकादशी के दिन स्नान से सभी एकादशी का पुण्य मिल जाता है। 

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तीर्थ पुरोहित राजू तिवारी ने बताया कि काशी में निर्जला एकादशी का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे वर्ष की समस्त एकादशियों में सबसे पुण्यदायक माना गया है। इस दिन व्रत रखने और गंगा स्नान करने से साल भर के सभी एकादशी व्रतों का पुण्य फल प्राप्त होता है।

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उन्होंने बताया कि निर्जला एकादशी पर श्रद्धालु निर्जल व्रत रखते हैं। न भोजन करते हैं, न जल ग्रहण करते हैं। यह व्रत कठिन होते हुए भी अत्यधिक पुण्यदायक माना गया है। श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद ब्राह्मणों को जल से भरी गगरी, फल (विशेष रूप से आम व केला) और दक्षिणा का दान करते हैं। साथ ही मंदिरों में दर्शन-पूजन करना इस दिन विशेष फलदायी माना गया है।

घाटों पर महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और युवाओं की भारी भीड़ दिखाई दी। श्रद्धालुओं ने मां गंगा में डुबकी लगाकर पापों से मुक्ति और मोक्ष की कामना की। सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस और प्रशासन ने घाटों पर व्यापक इंतजाम किए थे। एनडीआरएफ, जल पुलिस और गोताखोरों की टीमें भी तैनात रहीं।

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