शरद पूर्णिमा की चांदनी में आस्थावानों ने चखा खीर का स्वाद, मां लक्ष्मी का पूजन कर लिया आशीर्वाद
वाराणसी। शरद पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार की रात चांद की किरणों ने मानो अमृत की वर्षा की। यह माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और पृथ्वी के निकटतम स्थिति में होता है। शरद पूर्णिमा के खास अवसर पर लोगों ने अपने मकानों की छतों पर खीर रखी, जिसे चांद की किरणों से औषधीय गुण प्राप्त होते हैं। इसके साथ ही, कई लोगों ने व्रत रखा और लक्ष्मी जी की विधिवत पूजा की।
बुधवार शाम से ही शरद पूर्णिमा की तैयारियां शुरू हो गई थीं। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में लोगों ने स्नान करके देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की और व्रत का संकल्प लिया। इस विशेष दिन पर घरों में पहले से खीर बनाई गई, जिसे रात के समय छत पर महीन कपड़े से ढक कर रखा गया। लोगों ने अर्धरात्रि तक छत पर रहकर खीर की देखभाल की और फिर प्रसाद के रूप में इसे ग्रहण किया।
कुछ ने रात में ही खीर खाई, जबकि कई लोग अगली सुबह प्रसाद के रूप में इसे ग्रहण करते हैं। यह परंपरा चंद्रमा की किरणों में मौजूद औषधीय गुणों के कारण मानी जाती है, और इसे शरद पूर्णिमा के विशेष महत्व का हिस्सा माना जाता है।
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