मणिकर्णिका कुंड में डुबकी लगाकर पंचकोसी यात्रा पर निकले श्रद्धालु, बाबा विश्वनाथ, माता अन्नपूर्णा का मिलता है असीम आशीर्वाद
वाराणसी। काशी की प्रसिद्ध पंचकोसी यात्रा महाशिवरात्रि से एक दिन पूर्व गुरुवार को शुरू हुई। मणिकर्णिका स्थित चक्रपुष्करिणी कुंड में स्नान कर आस्थावान 24 घंटे की यात्रा पर निकले। इस दौरान पांच पड़ावों को पार करते हुए वापस मणिकर्णिका पहुंचेंगे। यहां संकल्प के साथ उनकी यात्रा पूरी होगी। यात्रा को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे। भीड़ के मद्देनजर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई थी। वहीं जगह-जगह पुलिस बल को तैनात किया गया है।
पंचकोसी यात्रा में भक्तों का सैलाब उमड़ा। आस्थावानों के दोपहर से ही मणिकर्णिका कुंड पहुंचने का क्रम शुरू हो गया था। लोगों ने मणिकर्णिका कुंड में आस्था की डुबकी लगाई। वहीं बाबा विश्वनाथ व मां गंगा का विधिविधान से पूजन अर्चन करने के बाद यात्रा पर निकले। मणिकर्णिका चक्रपुष्करिणी कुंड के प्रधान पुरोहित पंडित जयेंद्रनाथ दुबे ने बताया कि पंचकोसी यात्रा में लगभग दो से ढाई लाख की भीड़ होती है। काशी में जो भी व्यक्ति पंचकोसी की यात्रा करता है, उसे बाबा विश्वनाथ, माता अन्नपूर्णा व मां मणिकर्णिका का असीम आशीर्वाद प्राप्त होता है।
एसीपी दशाश्वमेध प्रज्ञा पाठक ने बताया कि पंचकोसी यात्रा गुरुवार से शुरू हुई। श्रद्धालु 24 घंटे में 75 किलोमीटर की यात्रा पूरी करेंगे। मणिकर्णिका कुंड में स्नान कर भक्त यात्रा पर निकल रहे हैं। ऐसे में जगह-जगह फोर्स तैनात की गई है। कोई भी मोटर, बाइक लेकर आने की अनुमति नहीं है। पुलिस के साथ ही एनडीआरएफ व जल पुलिस भी अलर्ट है। महिला पुलिस भी मुस्तैद है, ताकि महिला श्रद्धालुओं के साथ कोई अप्रिय घटना न होने पाए।
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