लोलार्क षष्ठी पर स्नान के बाद दर्शन न होने से श्रद्धालुओं में रोष, पूजन अधूरा होने से नाराज श्रद्धालु

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 वाराणसी। लोलार्क कुंड में लोलार्क षष्ठी के अवसर पर संतान प्राप्ति की कामना से श्रद्धालु बड़ी संख्या में स्नान कर रहे हैं। पूर्वांचल के जिलों से आए दंपतियों ने कुंड में डुबकी लगाने के लिए कई किलोमीटर लंबी कतारें बनाई हैं। रविवार की रात से ही लोग स्नान के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। लोलार्क कुंड की मान्यता के अनुसार, भाद्रपद शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर कुंड में तीन डुबकी लगाकर स्नान करने और लोलार्केश्वर महादेव के दर्शन करने से संतान की प्राप्ति होती है।

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काशी के प्रधान पुजारी रमेश पांडे ने बताया कि कुंड में स्नान करने के बाद महादेव का दर्शन करना अनिवार्य माना जाता है, तभी यह प्रक्रिया पूर्ण मानी जाती है। स्नान और पूजन अधूरा होने पर संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी नहीं होती। स्नान के बाद दंपति को कुंड में एक फल का दान करना होता है और उसके बाद लोलार्केश्वर महादेव का दर्शन करना होता है।

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हालांकि, इस बार श्रद्धालुओं को स्नान के बाद लोलार्केश्वर महादेव के दर्शन करने का अवसर नहीं मिल पा रहा है, जिससे मंदिर के पुजारियों और श्रद्धालुओं में नाराजगी है। पुलिस प्रशासन की ओर से व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं को स्नान के बाद सीधा बाहर भेज दिया जा रहा है, जिससे उनका पूजन अधूरा रह रहा है। प्रधान पुजारी रमेश पांडे ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा पहले इस बात की चर्चा हुई थी कि स्नान के बाद दर्शन सुनिश्चित किए जाएंगे, लेकिन आज के दिन श्रद्धालुओं को दर्शन का मौका नहीं मिल रहा है, जिससे मंदिर के लोग नाराज हैं। 

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श्रद्धालुओं में इस बात का डर है कि दर्शन के बिना उनकी मनोकामना पूरी नहीं हो पाएगी, और लाखों लोग बिना लोलार्केश्वर महादेव के दर्शन किए लौट चुके हैं।

देखें तस्वीरें -

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