विकास प्राधिकरण बोर्ड की 131वीं बैठक में विकास प्रस्तावों पर चर्चा, मंडलायुक्त ने दिए निर्देश
वाराणसी। वाराणसी विकास प्राधिकरण की 131वीं बोर्ड की बैठक मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा की अध्यक्षता में हुई। इसमें वाराणसी के विकास प्रस्तावों पर चर्चा की गई। बोर्ड के समक्ष प्रस्तावों का प्रस्तुतीकरण प्राधिकरण उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने किया। उपाध्यक्ष ने विगत बैठकों में लिए गए निर्णयों के अनुपालन से बोर्ड को अवगत कराया गया। बोर्ड के समक्ष प्रस्तावित परियोजनाओं का खाका खींचा गया। साथ ही अवैध निर्माणों के विरुद्ध कार्रवाई के बाबत बताया। मंडलायुक्त ने जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
मंडलायुक्त व प्राधिकरण के अध्यक्ष ने प्राधिकरण बोर्ड बैठक से पूर्व वाराणसी विकास प्राधिकरण में नवीन स्थापित एवं उच्चीकृत मानचित्र सुविधा सेल (Map Facilitation Cell) का उद्घाटन किया। मानचित्र सुविधा सेल (Map Facilitation Cell) के निरीक्षण के दौरान अध्यक्ष ने मानचित्र स्वीकृति हेतु आवश्यक दस्तावेजों की सूची तथा प्रक्रिया को सेल की दीवारों पर प्रदर्शित कराने के निर्देश दिए। बोर्ड सदस्यों ने सेल के प्रभावी ढंग से कार्य निष्पादन के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव प्रदान किए। मानचित्र सुविधा सेल (Map Facilitation Cell) के माध्यम से मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी, त्वरित, सुगम एवं सरल बनाने के लिए नगर नियोजक प्रभात कुमार की अध्यक्षता में मानचित्र सुविधा सेल (Map Facilitation Cell)' का गठन किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य मानचित्र स्वीकृति प्रक्रिया को सुव्यवस्थित एवं सरल बनाना, जन-सामान्य को अद्यतन सूचना/मानकों से अवगत कराना, सहायता प्रदान करना एवं समय-सीमा के बारे स्पष्ट जानकारी देकर पारदर्शिता को बढ़ावा देना है। मानचित्र सुविधा सेल में कार्यरत कार्मिक प्रातः 10:00 बजे से अपरान्ह 12:00 बजे तक कार्यालय कक्ष संख्या-38 में उपस्थित रहकर एवं जनता/निर्माणकर्ता से संवाद/विचार-विमर्श कर मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल बनाने का कार्य प्रभावी रूप से संपादित करेगें।
प्राधिकरण बोर्ड सदस्यों द्वारा वाराणसी विकास क्षेत्र में वर्तमान प्रभावी महायोजनाओं के अंतर्गत आनलाईन भू-प्रयोग वेब-पोर्टल एप्प्लिकेशन की स्थापना एवं संचालन तथा वाराणसी विकास प्राधिकरण की उच्चीकृत नवीन वेब पोर्टल www. vdavns.com का उद्घाटन किया गया। आनलाईन भू-प्रयोग वेब-पोर्टल एप्प्लिकेशन के माध्यम से आम जनमानस घर बैठे किसी भी भूमि की आराजी संख्या एवं ग्राम के नाम को प्रदान करते हुए पोर्टल के माध्यम से उस आराजी का भू प्रयोग जान सकेगा। वाराणसी विकास प्राधिकरण की इस पहल से भू-प्रयोग के विपरीत किए जाने वाले निर्माणों पर अंकुश लगेगा तथा आम जनमानस को घर बैठे भू प्रयोग के संबंध में समस्त सूचनाएं प्राप्त हो सकेंगी।
मीटिंग में आए नए प्रस्ताव
बोर्ड के अनुमोदनार्थ प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए, जिन्हें बोर्ड सदस्यों द्वारा अनेक बहुमूल्य सुझावों के साथ स्वीकृति/प्रस्तावित कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए।
भवन निर्माण एवं विकास उपविधि -2008 (यथा संशोधित) में नगरीय क्षेत्रों में पेट्रोल पम्प/फ्यूल स्टेशन स्थापित करने के लिए भूखण्ड का आकार मानकों में संशोधन के सम्बंध में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा भवन निर्माण एवं विकास उपविधि -2008 (यथा संशोधित) में किये गये संशोधन को अंगीकृत करने के प्रस्ताव पर बोर्ड द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी। नवीन संशोधन के अनुसार नगरीय क्षेत्रों में पेट्रोल पम्प/फ्यूल स्टेशन स्थापित करने के लिए पीडबल्यूडी विभाग द्वारा निर्धारित न्यूनतम माप 20X20 मीटर अथवा आयल कंपनियों द्वारा निर्गत लेटर आफ ईंटेंट में उल्लिखित माप अनुमन्य होगी।
शमन उपविधि-2009 के बिन्दु संख्या-8 नियम 5,2 क अनुक्रम में शमन शुल्क पर ब्याज दर के निर्धारण के सम्बन्ध में प्रस्ताव पर बोर्ड द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी।
वाराणसी विकास प्राधिकरण शमन शुल्कों का भुगतान करने के लिए आवेदकों को ब्याज आरोपित करते हुए किस्तों में भुगतान करने की सुविधा प्रदान करेगा। स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार कुल आंगणित शमन धनराशि 50.00 लाख से कम होने पर 02 अर्द्ध वार्षिक किस्तों में शुल्कों के भुगतान हेतु 12 प्रतिशत साधारण ब्याज की दर से किस्तों का निर्धारण करते हुए डिमांड लेटर आवेदक को जारी किया जाएगा। डिमाण्ड जारी किए जाने के 30 दिवसों के अन्तर्गत मूल अथवा किस्त के भुगतान न होने की दशा में 30 दिवसों के पश्चात 15 प्रतिशत चक्र वृद्धि ब्याज की गणना करते हुए धनराशि जमा करायी जाएगी, जिसका अधिकतम समय 01 वर्ष से अधिक न हो तथा 01 वर्ष पश्चात मानचित्र निरस्त करते हुए अधिनियम के अनुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। एक वर्ष के अन्तर्गत पूर्ण भुगतान न होने पर जमा समस्त धनराशि जब्त कर ली जायेगी।
कुल आंगणित धनराशि 50.00 लाख से अधिक होने पर 04 अर्द्ध वार्षिक किस्तों में शुल्कों के भुगतान हेतु 12 प्रतिशत साधारण ब्याज की दर से किस्तों का निर्धारण करते हुए डिमांड लेटर आवेदक को जारी किया जायेगा। डिमाण्ड जारी किए जाने के 30 दिवसों के अन्तर्गत मूल अथवा किश्त के भुगतान न होने की दशा में 30 दिवसों के पश्चात 15 प्रतिशत चक्र वृद्धि ब्याज की गणना करते हुए धनराशि जमा करायी जाए, जिसका अधिकतम समय 02 वर्ष से अधिक न हो तथा 02 वर्ष पश्चात मानचित्र निरस्त करते हुए अधिनियम के अनुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। 02 वर्ष के अन्तर्गत पूर्ण भुगतान न होने पर जमा समस्त धनराशि जब्त कर ली जाएगी।
पांच करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का शासन से स्वीकृति हेतु प्रेषित करने से पूर्व बोर्ड के अनुमोदन के प्रस्ताव पर बोर्ड द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी।
- वाराणसी शहर विभिन्न स्थानों पर तालाबों / कुण्डों कमशः नरोखर तालाब (सारनाथ), सगरा ताल (सिगरा महमूरगंज), कबीरपुर के समीप स्थित ताल (रामनगर), कबीर प्राकट्य स्थल तालाब (द्वितीय चरण), रेवा तालाब (द्वितीय चरण), लमहीं स्थित प्रेमचन्द सरोवर के संरक्षण एवं रिनोवेशन के कार्य। लागत 28.37 करोड़।
- तहसील-पिण्डरा के ग्राम-उन्दी में प्रस्तावित "गौतमबुद्ध ईको पार्क उन्दी, सारनाथ, वाराणसी" परियोजना का कार्य। लागत 29.53 करोड़।
- कचहरी स्थित अम्बेडकर चौराहा से सेन्ट्रल जेल रोड होते हुए संत अतुलानन्द चौराहे तक एवं भोजूबीर से पाण्डेयपुर फ्लाईओवर तक सड़क के उच्चीकरण का कार्य तथा गोलघर तिराहा, जे०पी० मेहता चौक, रथयात्रा चौराहा, सम्पूर्णानन्द चौराहा एवं भोजूबीर आदि चौराहो के सुदृढ़ीकरण का कार्य। लागत 33.93 करोड़ रुपये।
- वाराणसी विकास प्राधिकरण के लीज पर आवंटित भूखण्डों पर आवंटियों द्वारा 10 वर्ष की अवधि तक भवन निर्माण न किये जाने की स्थिति में प्राधिकरण द्वारा की जाने वाली कार्यवाही के विषय में शासन से नीति निर्धारण एवं मार्ग दर्शन हेतु प्रस्ताव पर बोर्ड द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी।
- वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित जवाहर लाल नेहरू व्यावसायिक कॉम्पलैक्स, इंग्लिशिया लाईन के पुनर्विकास के सम्बन्ध में प्रस्ताव पर बोर्ड द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी।
- वाराणसी विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र के अन्तर्गत पर्यावरण के दृष्टिगत हॉर्टिकल्चर विंग की संरचना एवं स्थापना के सम्बंध में प्रस्ताव पर बोर्ड द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी।
- जनपद वाराणसी में उच्च बाढ़ बिन्दु क्षेत्र के अंतर्गत निर्मित जर्जर भवनों की मरम्मत की अनुमति गंगा से 200 मीटर के अंतर्गत पूर्व में शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया एवं शासनादेशों के अधीन दिये जाने के सम्बन्ध में प्रस्ताव पर बोर्ड द्वारा वर्तमान प्रभावी शासनादेशों को उच्च बाढ़ बिन्दु क्षेत्र के अंतर्गत निर्मित जर्जर भवनों की मरम्मत के लिए भी प्रभावी करने हेतु शासनादेश में संशोधन कराने हेतु शासन से अनुरोध किये जाने हेतु स्वीकृति प्रदान की गयी।
बैठक में वाराणसी विकास प्राधिकरण बोर्ड के नामित सदस्यगण प्रदीप अग्रहरी, अम्बरीष सिंह (भोला), साधना वेदांती, जिलाधिकारी एस. राजलिंगम, जिलाधिकारी मिर्जापुर प्रियंका निरंजन, उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग एवं अन्य बोर्ड सदस्यों/प्रतिनिधियों तथा प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
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