वाराणसी में 8 वर्षों में 58 हजार करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाएँ पूरी, मंत्री रविंद्र जायसवाल ने गिनाई उपलब्धियाँ

सड़कों और पुलों का व्यापक निर्माण
मंत्री ने बताया कि जिले में रु. 22408 करोड़ से अधिक की लागत से रिंग रोड, राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग, जिला मार्ग और सेतु निर्माण की 102 परियोजनाएँ पूरी की गई हैं। इसके अलावा, रु. 4955 करोड़ की लागत से सड़क एवं सेतु निर्माण कार्य प्रगति पर है। रेलवे, एयरपोर्ट और जलमार्ग के विकास के लिए रु. 1529 करोड़ खर्च किए गए हैं, जबकि रु. 3809 करोड़ की परियोजनाएँ निर्माणाधीन हैं।
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत आधुनिकरण
वाराणसी को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए रु. 877.65 करोड़ की लागत से 34 परियोजनाएँ पूरी की गई हैं। इनमें प्रमुख रूप से काशी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, 720 स्थलों पर उन्नत सर्विलांस कैमरे, वाराणसी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स सिगरा, टाउन हॉल शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और गौदौलिया चौक पर मल्टी-लेवल टू-व्हीलर पार्किंग शामिल हैं।
सीवरेज और पेयजल परियोजनाओं पर दिया गया विशेष ध्यान
शहर में स्वच्छता और जल आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए रु. 1000 करोड़ की लागत से 60 सीवरेज और पेयजल परियोजनाएँ पूरी की गई हैं। इसके अतिरिक्त, रु. 2100 करोड़ की लागत से और भी परियोजनाएँ निर्माणाधीन हैं।
शिक्षा और स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार
शिक्षा के क्षेत्र में रु. 512 करोड़ की लागत से 32 परियोजनाएँ पूरी की गई हैं और रु. 666 करोड़ की लागत से 11 परियोजनाएँ प्रगति पर हैं। वहीं, स्वास्थ्य सुविधाओं को उन्नत करने के लिए रु. 1870.36 करोड़ की लागत से 43 परियोजनाएँ पूरी की गई हैं। इनमें प्रमुख रूप से होमी भाभा कैंसर अस्पताल, बीएचयू में 430 बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, जिला महिला चिकित्सालय में 100 बेड की मैटरनिटी विंग और बोन मैरो ट्रांसप्लांट एंड स्टेम सेल रिसर्च सेंटर शामिल हैं।
ऊर्जा और खेल सुविधाओं में हुआ विस्तार
शहरी विद्युत सुधार के लिए रु. 1100 करोड़ खर्च किए गए हैं, जिससे 3722 मजरे विद्युतीकृत किए गए हैं। इसके अलावा, खेल सुविधाओं के विस्तार में रु. 128.07 करोड़ की लागत से 06 प्रमुख परियोजनाएँ पूरी की गई हैं। इनमें सिगरा स्पोर्ट्स स्टेडियम, जिला शूटिंग रेंज स्पोर्ट्स स्टेडियम और लालपुर में 100 बेड के छात्रावास शामिल हैं।
पर्यटन विभाग ने संवारे सांस्कृतिक विरासत
काशी की सांस्कृतिक धरोहर को संवारने के लिए रु. 721 करोड़ की लागत से 30 पर्यटन परियोजनाएँ पूरी की गई हैं। इनमें नमो घाट, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर, सारनाथ में पर्यटन पुनर्विकास, पंचकोसी परिक्रमा यात्रा के पड़ावों का विकास, मारकंडेय महादेव घाट का सौंदर्यीकरण और गंगा दर्शन गेस्ट हाउस शामिल हैं। वर्तमान में रु. 900 करोड़ की पर्यटन परियोजनाएँ प्रगति पर हैं।
कृषि के साथ ग्रामीण परिवारों का हुआ विकास
काशी में 3,01,207 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लाभ दिया गया है, जबकि 16,026 किसानों को किसान ऋण मोचन योजना का लाभ मिला है। 32,708 ग्रामीण परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना और 4,930 परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है।
सामाजिक कल्याण योजनाओं का हुआ लगातार विस्तार
रविंद्र जायसवाल ने बताया कि वाराणसी में 63,229 निराश्रित महिलाओं को पेंशन दी जा रही है। 1,19,205 वृद्धजनों को वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त हो रही है। 23,343 दिव्यांगजन पेंशन योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। 5942 जोड़ों की शादी सामूहिक विवाह योजना के तहत कराई गई है। 57,777 बालिकाएँ मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से लाभान्वित हुई हैं। 8,848 महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ मिला है। 11,27,646 व्यक्तियों के आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड बनाए गए हैं। 1,89,308 परिवारों को पीएम उज्ज्वला योजना से मुफ्त गैस कनेक्शन मिला है।
औद्योगिक विकास और रोजगार में भी हुए कई कार्य
शहर में 1,33,959 नई औद्योगिक इकाइयाँ स्थापित की गई हैं, जिनसे 5,10,434 लोगों को रोजगार मिला है। 826.85 किमी नई सड़कें बनाई गई हैं, जबकि 30 नए डिग्री कॉलेज, 20 आईटीआई, और 31 पॉलिटेक्निक कॉलेज खोले गए हैं। रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर, 156.33 किमी लंबी ट्रांसमिशन लाइनें और 34 नए पंचायत घर भी बनाए गए हैं।
मंत्री रविंद्र जायसवाल ने बताया कि इन सभी प्रयासों से वाराणसी की जीडीपी वर्ष 2017 में रु. 22586.91 करोड़ से बढ़कर 43899.75 करोड़ हो गई है, जो लगभग दो गुना है। इसके अलावा, प्रति व्यक्ति आय भी बढ़कर 90,028 रुपये हो गई है। उन्होंने कहा कि वाराणसी में चल रही विकास परियोजनाओं से काशी को आधुनिक और आत्मनिर्भर शहर बनाने का प्रयास जारी रहेगा।