सायरन बजते ही छा गया अंधेरा, बरेका और एयरपोर्ट पर ब्लैक आउट, युद्ध की परिस्थितियों से निबटने का अभ्यास

वाराणसी। बरेका और बाबतपुर एयरपोर्ट परिसर में बुधवार की शाम ब्लैकआउट हुआ। इमरजेंसी सायरन की ध्वनि गूंजते ही पूरा परिसर अंधकार में डूब गया। इस दौरान युद्धकालीन या अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में सुरक्षा तंत्र की तत्परता और समन्वय को परखा गया।
बरेका परिसर में अंधकार
रात्रि 8:00 बजे जैसे ही इमरजेंसी सायरन की तीव्र ध्वनि गूंजी, पूरा बरेका परिसर चंद सेकंड में अंधकार में डूब गया। लगभग 10 मिनट तक बरेका क्षेत्र की सभी लाइटें बंद रहीं, खिड़कियां ढंकी रहीं और परिसर में सन्नाटा एवं अनुशासन कायम रहा। यह मॉक ड्रिल नागरिक सुरक्षा संगठन, बरेका द्वारा आयोजित की गई, जिसमें कर्मचारियों, अधिकारियों और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
इस अवसर पर मंडलायुक्त एस. राजलिंगम, जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, अपर पुलिस आयुक्त डॉ. एस. चिनप्पा, उप नियंत्रक (नागरिक सुरक्षा) महेश प्रताप सिंह और जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने ड्रिल के दौरान की गई तैयारियों और समन्वित प्रयासों की सराहना की।
वाराणसी एयरपोर्ट पर भी ब्लैकआउट
इसी क्रम में वाराणसी एयरपोर्ट पर भी ब्लैकआउट मॉक ड्रिल आयोजित की गई। हालांकि पूर्व निर्धारित समय रात 9 से 10 बजे के बीच था, लेकिन एयरपोर्ट निदेशक पुनीत गुप्ता ने ड्रिल के लिए 7:00 से 7:15 बजे तक ब्लैकआउट की पुष्टि की। इस दौरान एयरपोर्ट परिसर और संपर्क मार्गों की सभी लाइटें बंद कर दी गईं। यात्रियों और स्टाफ को आपातकालीन स्थिति में बरती जाने वाली सुरक्षा सावधानियों के प्रति जागरूक किया गया।
मॉक ड्रिल के माध्यम से नागरिकों को यह संदेश दिया गया कि संकट की घड़ी में अनुशासन, संयम और सजगता से ही जन-जीवन और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। यह आयोजन न केवल सुरक्षा व्यवस्था की कसौटी पर खरा उतरा, बल्कि आपदा प्रबंधन की दिशा में एक सराहनीय अभ्यास सिद्ध हुआ।