फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए हाई सिबिल स्कोर वाले नामों पर क्रेडिट कार्ड बनाकर 34 लाख की साइबर ठगी, दो इनामी गिरफ्तार

इस मामले में अमेरिकन एक्सप्रेस बैंक के प्रतिनिधि जूड रेजी फ्रैंकलिन ने साइबर क्राइम थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि कुछ अज्ञात लोगों द्वारा हाई CIBIL स्कोर वाले व्यक्तियों के नाम पर फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसे दस्तावेज तैयार कर, उनके नाम पर अवैध रूप से क्रेडिट कार्ड बनवाए जा रहे हैं और इस प्रक्रिया से तकरीबन 34 लाख रुपये की ठगी हो चुकी है।
इस मामले में पुलिस ने मुकदमा संख्या 0129/2024 को आईपीसी की धारा 420 और आईटी एक्ट की धारा 66डी के तहत दर्ज कर लिया। विवेचना का जिम्मा निरीक्षक दीनानाथ यादव को सौंपा गया, और मामला जैसे-जैसे खुलता गया, यह एक सुनियोजित साइबर गिरोह का रूप लेता गया।
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल और गोमती जोन/अपराध के पुलिस उपायुक्त प्रमोद कुमार के निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें अपर पुलिस उपायुक्त श्रुति श्रीवास्तव और सहायक पुलिस आयुक्त विजय कुमार सिंह के नेतृत्व में साइबर अपराधियों की तलाश तेज़ की गई। टीम ने पहले ही दो शातिर अभियुक्तों को जेल भेज दिया था, लेकिन दो अन्य अभियुक्त वांछित थे, जिन पर 10-10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
लगातार तलाश के बाद, रविवार को साइबर क्राइम थाना टीम ने दोनों वांछित अभियुक्तों को वाराणसी से गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से दो एंड्रॉइड मोबाइल फोन (कुल कीमत लगभग ₹50,000), ₹2,570 नकद और एक मारुति स्विफ्ट डिज़ायर गाड़ी (कीमत लगभग ₹10 लाख) बरामद की गई, जो साइबर ठगी से अर्जित पैसों से खरीदी गई थी।
ऐसे करते थे ठगी
गिरफ्तार अभियुक्त हाई सिबिल स्कोर वाले व्यक्तियों की जानकारी ऑनलाइन माध्यमों से प्राप्त करते थे। जब उन्हें कोई ऐसा व्यक्ति मिलता जिसकी क्रेडिट लिमिट 40-50 लाख के बीच होती, तो वे उसी नाम वाले किसी अन्य व्यक्ति को ढूंढते और उसके आधार पर फर्जी दस्तावेज़ बनाते। इन फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए वीडियो KYC कराकर विभिन्न क्रेडिट कार्ड कंपनियों से अवैध रूप से कार्ड प्राप्त करते। इसके बाद वे इन कार्डों से पैसा निकालकर ब्रोकर कंपनियों के माध्यम से बैंक खातों में ट्रांसफर कर देते।
गिरफ्तार आरोपी पंकज प्रजापति (32 वर्ष) और संदीप भारती (28 वर्ष) मंडुवाडीहके रहने वाले हैं। इन दोनों के खिलाफ पहले से ही मुकदमा संख्या 0129/2024, धारा 420, 411, 120बी, 467, 468, 471 आईपीसी और आईटी एक्ट की धारा 66C व 66D के तहत साइबर क्राइम थाना, वाराणसी में दर्ज है।
इस केस को सुलझाने और अभियुक्तों को पकड़ने में साइबर क्राइम थाना, कमिश्नरेट वाराणसी की टीम की भूमिका सराहनीय रही। टीम में प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार सिंह, निरीक्षक राजकिशोर पांडेय, निरीक्षक विजय कुमार यादव, निरीक्षक दीनानाथ यादव, उप निरीक्षक संजीव कन्नौजिया, हेड कांस्टेबल गोपाल चौहान, कांस्टेबल पृथ्वी राज सिंह, अवनीश सिंह, मनीष कुमार सिंह, देवेंद्र यादव, अनिल कुमार यादव, विश्वजीत राय और आचार्य विजय कुमार शामिल रहे।