ज्ञानवापी बयान मामले में अखिलेश यादव और ओवैसी पर FIR की याचिका खारिज, कोर्ट ने सबूतों को पाया अपर्याप्त

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वाराणसी। ज्ञानवापी से संबंधित एक बयान पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ FIR दर्ज करने की याचिका को MP-MLA कोर्ट ने खारिज कर दिया। अपर जिला जज विनोद कुमार ने दोनों नेताओं के खिलाफ अपर्याप्त साक्ष्य और कमजोर आधार के कारण याचिका निरस्त की। कोर्ट ने यह निर्णय वकीलों की जिरह के बाद सुनाया, जिसमें उन्होंने आरोपों को बिना आधार का बताया था।

सुनवाई पूरी होने के बाद पिछले तारीख को जज ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे आज दोनों पक्षों के वकीलों की उपस्थिति में सुनाया गया। हालांकि, अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। उनके वकील अनुज यादव ने कोर्ट में आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उनके बयानों को गलत तरीके से पेश किया गया है।

वकीलों ने यह तर्क दिया कि अखिलेश और ओवैसी के बयान को गलत रूप में प्रस्तुत करके धार्मिक रंग दिया गया है, जिससे केस दर्ज कराने की कोशिश की जा रही है। अखिलेश यादव और ओवैसी के वकीलों ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया, जबकि ओवैसी के वकील एहतेशाम आब्दी और शहनवाज परवेज ने इसे बेबुनियाद करार दिया।

याचिका दायर करने वाले एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी, उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी समेत करीब 2000 अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज करने की मांग की थी। उनका आरोप था कि ज्ञानवापी के वजूखाने में नमाजियों द्वारा गंदगी फैलाई गई, जहां शिवलिंग जैसा आकृति मिली थी, और इस संबंध में नेताओं ने बयान देकर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई थी।
 

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