बीएचयू में डीन पद को लेकर विवाद, शांतिपूर्ण आंदोलन पर अड़े प्रो. संजय गुप्ता, यूजीसी नियमों की अनदेखी का आरोप

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वाराणसी। बीएचयू का सर सुंदरलाल चिकित्सालय और ट्रॉमा सेंटर इन दिनों लगातार विवादों के घेरे में है। जहां एक ओर ट्रॉमा सेंटर में विवाद को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है, वहीं अब आईएमएस बीएचयू में डीन पद को लेकर नया विवाद सामने आया है। 

दरअसल, बीएचयू प्रशासन ने प्रोफेसर शंपा अनूपूर्वा को आईएमएस का डीन नियुक्त किया है, लेकिन इसके विरोध में मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर संजय गुप्ता ने शांतिपूर्ण आंदोलन शुरू कर दिया है। प्रो. संजय का दावा है कि यूजीसी के नियमों के अनुसार वह डीन पद के अधिकृत अधिकारी हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने नियमों की अनदेखी करते हुए उन्हें नजरअंदाज कर दिया।

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प्रो. संजय गुप्ता ने निदेशक कार्यालय के बाहर धरना स्थल बनाया है, जहां उन्होंने एक बोर्ड भी लगाया है जिसमें उन्हें "यूजीसी रूल के अनुसार वैध डीन" बताया गया है। उनका कहना है कि जब विश्वविद्यालय ने अन्य विभागों जैसे प्राचीन इतिहास विभाग में प्रो. एमपी अहिरवार और सर्जरी विभाग में एक अन्य प्रोफेसर की नियुक्ति यूजीसी नियमों के तहत की, तो आईएमएस में इसे नजरअंदाज क्यों किया गया?

प्रो. गुप्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन पूर्णतः शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से चलाया जा रहा है। उन्हें इस आंदोलन में छात्र संगठनों और विभिन्न सामाजिक एवं राजनीतिक समूहों का समर्थन भी मिल रहा है। इस बीच, विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे मामला और उलझता जा रहा है। बीएचयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में लगातार उठ रहे विवादों ने इसकी प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

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