किसानों से जेल में मिलने पहुंचे कांग्रेस और सपा नेता, सरकार पर साधा निशाना

मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना का विरोध कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज, गिरफ्तारी का मामला
पूर्व मंत्री अजय राय और सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा अपनी-अपनी टीम के साथ पहुंचे
नेताओं ने कहा-किसानों से वार्ता कर तत्काल उचित हल निकाले सरकार, वर्ना होगी आरपार की लड़ाई
वाराणसी। मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना का विरोध कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज और उनके विरूद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई के खिलाफ शुक्रवार को समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने शासन व प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को एक ओर सपा के एमएलसी आशुतोष सिन्हा अपनी टीम के साथ किसानों से मिलने जिला जेल पहुंचे तो दूसरी ओर कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय अपनी टीम के साथ पहुंचे। नेताओं ने जेल में बंद किसानों से मुलाकात की और उन्हें हर सम्भव समर्थन व मदद देने का भरोसा दिलाया। नेताओं ने भाजपा सरकार को पूंजीपतियों के हित में कार्य करनेवाली और किसान विरोधी सरकार बताया।
जिला जेल से बाहर निकलने के बाद दोनों नेताओं ने सरकार की किसान विरोधी और दमनकारी नीति की कड़ी आलोचना की। कहाकि सरकार किसानों पर दर्ज मुकदमे अविलम्ब वापस ले और उनके खिलाफ अनुचित कार्रवाई करनेवाले प्रशासनिक अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने कहा कि रोहनिया क्षेत्र के बैरवन मोहनसराय में ट्रांसपोर्ट नगर एवं आवासीय नगर बसाने के नाम पर किसानों की सहमति के बिना जिला प्रशासन द्वारा बलपूर्वक कब्जे का विरोध कर रहे किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज करते हुए फर्जी मुकदमे लाद कर जिला कारागार वाराणसी में निरुद्ध किया गया है। उन्होंने किसानों पर जुल्म व लाठीचार्ज की न्यायिक जांच कराते हुए बिना शर्त मुकदमा वापसी की मांग की। इसके साथ ही दोषी अधिकारियों व वीडीए कर्मियों पर कार्यवाही की भी मांग की। एमएलसी ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र प्रभावित किसानों से वार्ता कर कोई उचित हल नहीं निकाला जाता है तो समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर आर-पार की लड़ाई लड़ने के साथ निर्णायक आंदोलन करेंगे।
उधर, कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अजय राय जिला व महानगर कमेटी की टीम के साथ किसानों से मिलने जेल पहुंचे। किसानों से मिलने के बाद जेल से बाहर आकर अजय राय ने कहाकि भाजपा सरकार किसानों के दमन पर उतर आई है। वर्ष 2000 में योजना का प्रकाशन हो गया था। आज 20023 है। इतने दिनों तक प्रशासन सोया था ? उन्होंने कहाकि किसानों के साथ प्रशासन ने बर्बर कार्रवाई की है। अन्नदाताओं के साथ सरकार खुलेआम अन्याय कर रही है। वह उन्हें उनका उचित मुआवजा नही देना चाहती। आरोप लगाया कि इस योजना के जरिए सरकार गुजरात के अपने साथियों को जमीन देकर उन्हें लाभन्वित करना चाहती है। पूर्व मंत्री ने तंज कसा कि बैरवन, मोहनसराय में किसानों पर लाठीचार्ज हुआ। कई किसान घायल हो गये। उनके घरों के दरवाजे तोड़े गये। महिलाओं और बच्चों को भी नही छोड़ा गया। फर्जी मुकदमे दर्ज कर किसान परिवार के लोगों को जेल में बंद कर दिया गया।
घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर भारतीय जनता पार्टी का कार्यालय हैं। घटना के एक दिन बाद वहां पार्टी के बड़े-बड़े नेता आए लेकिन कोई पीड़ित किसानों का हाल तक लेने नही गया। कार्यालय में काजू की बर्फी खाकर चले गये। किसानों की समस्या का समाधान बातचीत के जरिए निकाला जाना चाहिए। उनका दमन ठीक नही है। अजय राय ने कहाकि सरकार कोरोना काल में अपनी तमाम उपलब्धियां बताते नही थकती है लेकिन उसे याद रखना चाहिए कि इन अन्नदाताओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह सरकार आज यदि पांच किलो अनाज लोगों को दे रही है तो वह अन्नदाताओं की ही मेहनत का नतीजा है। ऐसी सरकार को इन अन्नदाताओं के खिलाफ कुछ भी बोलने से पहले सौ बार सोचना चाहिए।
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