महिला को बेहोश करने के लिए लगाया गलत इंजेक्शन, पैर खराब, अस्पताल को भरना होगा 86 लाख हर्जाना 

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वाराणसी। बरेका रोड स्थित निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने महिला को आपरेशन के दौरान बेहोश करने के लिए रीढ़ की हड्डी में गलत इंजेक्शन लगा दिया। इससे महिला का पैर खराब हो गया। राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने अस्पताल प्रबंधन व चिकित्सकों पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति 86 लाख रुपये देने का आदेश दिया है। 


सिकरौल के वरूणा बिहार कालोनी निवासी दमयंती सिंह को हाईपोथायरायड की समस्या थी। उनकी पीठ और पेट में दर्द होने पर 2014 में उनकी जांच कराई गई। चिकित्सक ने जांच रिपोर्ट देखने के बाद आपरेशन कराने की सलाह दी। वहीं मरीज को बरेका रोड स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कर लिया। आपरेशन के दौरान महिला को बेहोश करने के लिए चिकित्सकों ने रीढ़ की हड्डी में इंजेक्शन लगाया था। आपरेशन के बाद दमयंती जब होश में आईं तो उनके दाहिने पैर में कोई शक्ति महसूस नहीं हुई और वो चलने में असमर्थ हो गईं। कई दूसरे चिकित्सकों से इलाज कराने पर भी कोई लाभ नहीं हुआ। चिकित्सकों ने बताया कि आपरेशन के दौरान बेहोशी का इंजेक्शन गलत तरीके से लगाया गया, इससे नर्वस सिस्टम पंक्चर हो गया और पैर बेकार हो गया। 


इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए पीड़िता ने चिकित्सकों के खिलाफ उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में परिवाद दाखिल किया। आयोग ने दोनों पक्षों को सुनने व साक्ष्यों के अवलोकन के बाद चिकित्सकों को दोषी पाया। वहीं बतौर हर्जाना पीड़िता को 86 लाख रुपये देने का आदेश दिया। 
 

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