चेतगंज की विश्व प्रसिद्ध नक्कटैया, लक्ष्मण ने काटी शूर्पणखा की नाक, 138 साल की परंपरा
वाराणसी। चेतगंज की विश्व प्रसिद्ध नक्कटैया मेला का आयोजन रविवार की रात किया गया। लक्ष्मण ने रावण की बहन शूर्पणखा की नाक काटी। इस दौरान राम-लक्ष्मण और सीता की आकर्षक झांकी निकाली गई। वहीं देवी-देवताओं, असुरों और पौराणिक पात्रों की भी झांकी सजाई गई। इसे देखने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ी। यह परंपरा 138 वर्षों से चली आ रही है।
नक्कटैया की रात को शहर का चेतगंज क्षेत्र पूरी तरह सज-धज कर दुधिया रोशनी में नहाया दिखा। लाखों लोग, बच्चे, बुजुर्ग और युवा, सभी इस उल्लास और उमंग से भरे माहौल का हिस्सा बने। रामधुन के साथ पूरे मेला क्षेत्र में साई नाम के भजनों की मधुर ध्वनि गूंजती रही। पारंपरिक झांकियों के साथ-साथ आधुनिक ज्वलंत समस्याओं पर आधारित झांकियां और स्वांग भी मेले की शोभा बढ़ाते रहे, जिससे समाजिक और सांस्कृतिक संदेश प्रसारित हो रहे थे।
नक्कटैया का ऐतिहासिक महत्व भी बहुत खास है। इसकी शुरुआत 137 साल पहले बाबा फतेहराम द्वारा अंग्रेजी शासन के खिलाफ जनजागरण के लिए की गई थी। उस समय असुरों की जगह अंग्रेज सिपाही इस लीला का हिस्सा बने थे, और इस तरह यह लीला स्वतंत्रता संग्राम का भी प्रतीक बनी। यह लीला न केवल धर्म और परंपराओं का पालन करती है, बल्कि आधुनिक समाज के मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करती है।
लाग-विमान और स्वांग के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों, भ्रष्टाचार और अन्य समसामयिक विषयों पर प्रकाश डाला जाता है। यह ऐतिहासिक मेला पूरी रात चलता है, जिसमें लोग झांकियों का आनंद लेने के साथ-साथ पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद भी चखते हैं। नक्कटैया सिर्फ एक उत्सव नहीं है, बल्कि वाराणसी के युवाओं और समाज का सांस्कृतिक पोषण करती है। आधुनिक युग में भी लाखों की भीड़ को अपनी ओर आकर्षित करती है।
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