सेंट्रल जेल में गूंजेगी भजन की धुन और बंदियों के फरमाइशी गीत, शुरू हुई रेडियो सेवा
वाराणसी। सेंट्रल जेल में अब भजन की धुन गूंजेगी। वहीं बंदियों के फरमाइशी गीत भी सुनाई देंगे। एक अभिनव पहल करते हुए जेल रेडियो की शुरूआत की गई है। इसके जरिये बंदियों को आध्यात्म से रूबरू कराने के लिए सुबह से ही भजन बजेंगे। इसके अलावा योग व फरमाइशी गीत भी बजाए जाएंगे।
कारागार अधीक्षक रामकृष्ण मिश्रा ने बताया कि रेडियो की शुरूआत प्रातःकाल भजन से इसकी शुरूआत की जाएगी, जो क्रमशः दिन भर भक्ति के संगीत के साथ-साथ योग और फरमाइशी गीतों के साथ समाप्त होगा। उन्होंने कहा कि जेल के बंदी दुनिया से कटे होते हैं, इसलिए उनको अपने अंदर आत्मग्लानि प्रतीत होती है। कई बंदी तो अक्सर अवसाद में चले जाते हैं ऐसे में उनको इस अवसाद को दूर करने के लिए एक छोटी सी पहल की गई है। संगीत के माध्यम से अपनी दिनचर्या की शुरुआत करें और संगीत से ही दिनचर्या समाप्त करें। इससे उनके अंदर के अवसाद को खत्म करने की मदद मिलेगी। वहीं योग और अन्य ज्ञानवर्धक चीजों की जानकारी प्रदान करके उनके मनोबल को भी बढ़ाया जा सकेगा।
इस रेडियो सेवा की शुरुआत करने वाली इंडिया विजन फाउंडेशन की निदेशक मोनिका ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 6 जेलो में इस तरह के प्रयोग किए हैं जो की काफी सफल रहे हैं और बंदियों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव आया है। इसी को ध्यान में रखते हुए पूर्वांचल में प्रथम बार वाराणसी सेंट्रल जेल में सेवा की शुरुआत की गई है इसमें शुरुआत में रिकॉर्डेड संगीत के माध्यम से कैदियों का मनोरंजन किया जाएगा, तत्पश्चात इसको बढ़ाते हुए जो कैदी गायन में दक्ष होंगे उनको भी इसमें अपनी गायन प्रतिभा को दर्शाने का मौका दिया जाएगा।
इसके संचालन की संपूर्ण व्यवस्था जेल प्रशासन की होगी। इंडिया विजन फाउंडेशन इसमें तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएगा। इस सेवा के शुरू होने से निश्चित रूप से विशेष दुनिया से जुड़े होने का आभास कैदी कर सकेंगे। उद्घाटन के अवसर पर काफी संख्या में कैदियों ने उपस्थित रहकर इस सेवा की जानकारी प्रदान प्राप्त की।
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