गहराता जा रहा फिल्म अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की मौत का मामला, सीबीआई जांच की उठी मांग
वाराणसी। भोजपुरी फिल्म अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की मौत का रहस्य दिनोदिन गहराता जा रहा है। दस दिन बाद भी आरोपित पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। कानून-व्यवस्था की बागडोर सम्भालनेवाले मृतका के परिवारवालों को अबतक आश्वासन ही दे पाये हैं। लेकिन अब आकांक्षा की मौत पर संदेह के बादल गहराते जा रहे हैं। इसके साथ ही पुलिस और आरोपितों की भूमिका पर सवालिया निशान लग रहे हैं। इसके साथ ही मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग उठने लगी है।

मंगलवार को भाजपा विधि प्रकोष्ठ काशी क्षेत्र के संयोजक शशांक शेखर त्रिपाठी व अधिवक्ता राजकुमार तिवारी ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यंमत्री को पत्र भेजा है। इसमें आकांक्षा की मौत से सम्बंधित कई गंभीर सवालों को उठाते हुए अभिनेत्री के परिवार को सुरक्षा और मुआवजा देने की मांग की गई है। मुख्यमंत्री को सम्बोधित पत्र में कहा गया है कि भोजपुरी जगत में आकांक्षा दुबे एक बेहतरीन कलाकार थी। उन्हें भोजपुरी समाज भरपूर प्यार दे रहा था। किंतु कुछ लोगों ने साजिश के तहत उनकी हत्या कर दी और उसे आत्महत्या देने का प्रयास किया जा रहा है। इस बाबत थाना सारनाथ में मुकदमा अपराध संख्या 131 सन 2023 दर्ज है। जब पुलिस ने मृतक आकांक्षा दुबे की लाश को होटल के कमरे में देखा तो उस समय आकांक्षा दुबे बेड पर पैर मोड़ कर आराम की मुद्रा में बैठी हुई मिली। यह बड़े आश्चर्यजनक बात है कि होटल में आकांक्षा दुबे पंखे में किस प्रकार अपने आप को लटकाई ? सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि जिस फंदे से लटकती हुई पाई गई वह फंदा कहां से आया ?
अधिवक्ताओं की मांग और सवाल-
-21 मार्च से लेकर 26 मार्च तक के उक्त होटल के आगंतुक रजिस्टर को सीज किया जाय।
-पोस्टमार्टम की एक प्रति मृतका के मां को तत्काल निःशुल्क दिया जाय।
-यूट्यूब इंस्टाग्राम व अन्य सोशल मीडिया में मृतका आकांक्षा दुबे के द्वारा प्रताड़ना से संबंधित दिए गए बयान को कलेक्ट कर दोषियों पर कार्यवाही किया जाय।
-आकांक्षा दुबे के मृत्यु के पश्चात अकांक्षा दुबे के प्रति अपशब्द बोलने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाय।
-आकांक्षा दुबे को होटल में छोड़ने वाले व्यक्ति व नामजद मुलजिम का नार्को टेस्ट कराया जाय। ताकि सच्चाई सामने आ सके।
-मृतका के मोबाइल नंबर का सीडीआर व वीडियो फुटेज को सुरक्षित किया जाय।
-मृतिका आकांक्षा दुबे के हत्यारे को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाय।
-मृतका के सामानों को तत्काल प्रभाव से उसकी मां को वापस किया जाय और उसके मोबाइल के सभी डाटा को सुरक्षित करते हुए मोबाइल तत्काल प्रभाव से मृतक की मां को वापस किया जाना जरूरी है। जब तक विवेचना पूर्ण न हो जाए तब तक उक्त मोबाइल में किसी प्रकार का छेड़छाड़ न किया जाय।
-मृतका जिस फंदे पर लटकी पाई गई उस फंदे का फॉरेंसिक व अंगुली चिन्हित जांच कराई जाय। नामजद अभियुक्तों के अलावा जो व्यक्ति होटल में मृतका को छोड़ा था और साथ ही वह लड़की जो मृतका के शरीर को जल्दबाजी में अंत्येष्टि करने का दबाव बनाई थी सभी की भूमिका की बारीकी से जांच की जाय।
-होटल के मैनेजर का कहना है कि आकांक्षा नशे में थी जो आश्चर्यजनक है। नशे में व्यक्ति स्वयं कैसे फांसी अपने आपको लगा सकता है जो असंभव वाली बात है।
-मृतिका आकांक्षा की मां को वादिनी मुकदमा होने के नाते सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस सुरक्षा, उसके परिजनों का 50 लाख मुआवजा दिलाया जाय।

