वाराणसी में कॉल मर्जिंग स्कैम का मामला : बिना OTP और लिंक के बैंक खातों से उड़ाए पैसे

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वाराणसी। साइबर ठगों ने अब ठगी के नए तरीके ‘कॉल मर्जिंग स्कैम’ से लोगों को चूना लगाना शुरू कर दिया है। तरना क्षेत्र निवासी शिव शंकर प्रसाद उपाध्याय और सुंदरपुर निवासी मनीष श्रीवास्तव इस नई साइबर ठगी का शिकार हो गए। बिना किसी ओटीपी (OTP) साझा किए या किसी लिंक पर क्लिक किए ही इनके बैंक खातों से एक लाख और पचास हजार रुपये की ठगी हो गई। दोनों पीड़ितों ने साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है और मामले में जांच शुरू हो गई है। डीसीपी गोमती जोन / क्राइम प्रमोद कुमार ने बताया कि यह ठगी कॉल मर्जिंग स्कैम के ज़रिए की गई है, जो हाल के दिनों में तेजी से सामने आ रहा है। 

क्या होता है कॉल मर्जिंग स्कैम?
इस स्कैम में ठग किसी जानने वाले का नाम लेकर कॉल करता है और बातचीत के दौरान किसी कार्यक्रम या बैठक में शामिल होने का बहाना बनाता है। फिर वह कहता है कि “आपके दोस्त भी कॉल पर जुड़ रहे हैं, कृपया कॉल को मर्ज कर लीजिए।” भरोसे में आकर जैसे ही व्यक्ति कॉल मर्ज करता है, उसके फोन की सुरक्षा सेटिंग्स प्रभावित हो जाती हैं।

दरअसल, मर्ज की गई कॉल के जरिए ठग बैंक से आने वाली OTP वेरिफिकेशन कॉल या मैसेज को भी सुन सकते हैं। जैसे ही OTP हासिल होता है, वे पीड़ित के बैंक खाते से पैसे उड़ा देते हैं। उनकी साजिश का शिकार होने वाले व्यक्ति को तब तक कुछ समझ नहीं आता, जब तक कि पैसा कट नहीं जाता।

कॉल मर्जिंग स्कैम से कैसे बचें ?
•    कोई भी कॉल मर्ज करने को कहे, तुरंत कॉल डिस्कनेक्ट कर दें।
•    अनजान नंबर या विदेश से आए कॉल्स को रिसीव करने से बचें, खासकर यदि वह +91 के अलावा किसी अन्य कंट्री कोड से हो।
•    बैंक या सरकारी संस्था के नाम से आए कॉल को सत्यापित करने के लिए उस संस्था की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर खुद से कॉल करें।
•    किसी भी अनजान कॉल पर निजी जानकारी साझा न करें और घबराएं नहीं।
•    किसी भी संदिग्ध कॉल की तुरंत शिकायत साइबर क्राइम पोर्टल या हेल्पलाइन 1930 पर करें।

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