रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर नाविकों ने काशीवासियों व पर्यटकों को दिया तोहफा
वाराणसी। जिस प्रकार त्रेतायुग में निषादराज ने प्रभु श्री राम को बिना कोई धन लिए नि:स्वार्थ भाव से नौकायन कराया था। उस तर्ज पर हम लोग भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर पर्यटकों को नि:शुल्क नौकायन करा रहे हैं। यह कहना है काशी के नाविकों का।
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन वाराणसी के नाविक समाज ने गंगा घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को नि:शुल्क सेवा देने का निर्णय लिया था। और आज वह शुभ घड़ी आज आ गई है। अपने किए घोषणा के अनुसार, काशी के नाविकों ने पर्यटकों को सोमवार को नि:शुल्क नौकायन कराया। सुबह से शुरू हुआ यह सिलसिला देर शाम तक चलेगा। अब तक लगभग 84 घाटों पर चलने वाले नाव से लाखों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक नि:शुल्क यात्रा कर चुके हैं।
नि:शुल्क नाव यात्रा की खबर सुनते ही एक बार में घाटों पर सैकड़ों की संख्या में पर्यटक नावों की ओर टूट पड़ रहे हैं। घाटों पर भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। जिससे भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो जा रही है। इस दौरान नाविक समाज द्वारा भी लोगों को धैर्य पूर्वक नाव पर सवार होने की बार-बार अपील की जा रही है। इसके बावजूद भी जनता धक्का मुक्की के दौरान गंगा में और कभी नाव पर गिर कर चोटिल हो रहे हैं।
नाविक समाज के लोगों ने कहा कि निषाद समाज का प्रभु श्री राम से अटूट रिश्ता रहा है। वन गमन के समय निषाद राज ने प्रभु श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता को अपनी नाव से बिना शुल्क लिए नदी पार कराई थी। जिसके क्रम में आज प्रभु श्री राम अयोध्या धाम में विराजे है और उनका विधि विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठा किया गया है। हम लोगों के आराध्याय के प्राण प्रतिष्ठा होने से हम लोग काफी खुश हैं और लोगों को निशुल्क यात्रा करा रहे हैं। वहीं नाविक समाज के लोगों ने घाट पर डीजे लगाकर श्री राम और हनुमान के गाने बजा रहे हैं।
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