बीएचयू की विज्ञान पत्रिका ‘अचिंत्य’ के पर्यावरण विशेषांक का लोकार्पण, मंत्री बोले महामना का सपना हो रहा साकार

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वाराणसी। बीएचयू की हिन्दी विज्ञान पत्रिका ‘अचिंत्य’ के पर्यावरण विशेषांक का लोकार्पण उत्तर प्रदेश सरकार के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने शनिवार को वाराणसी के सर्किट हाउस में किया। इस अवसर पर विज्ञान, साहित्य, पर्यावरण और सामाजिक कार्यों से जुड़े कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे और कार्यक्रम का उत्साहपूर्वक हिस्सा बने।

पेशे से चिकित्सक डॉ. सक्सेना ने विज्ञान और साहित्य के समन्वय को पर्यावरण संरक्षण के लिए अत्यंत आवश्यक बताया। उन्होंने कहा, “पर्यावरण हमारी साझा विरासत है। अचिंत्य का यह विशेषांक पर्यावरणीय संकटों को न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सामने लाता है, बल्कि समाज को सतत विकास की दिशा में जागरूक और प्रेरित करने का कार्य भी करता है।”

मंत्री ने पत्रिका की युवा संपादकीय टीम, विशेष रूप से विज्ञान संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए इसे जन-जन तक पहुंचाने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि बीएचयू अपने संस्थापक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के पर्यावरणीय दृष्टिकोण को हकीकत  में बदलने का कार्य कर रहा है।

‘अचिंत्य’ के इस पर्यावरण विशेषांक में जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता, जल संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण और सतत विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर लेख, शोधपत्र, कविताएं और वैज्ञानिक विश्लेषण शामिल हैं। यह विशेषांक छात्रों, शोधकर्ताओं और आम पाठकों के लिए पर्यावरणीय सोच को मजबूत करने का एक प्रभावी माध्यम साबित हो सकता है।

इस अवसर पर पत्रिका के मुख्य संपादक देवांश पांडेय और प्रकाशन टीम ने बताया कि अंक का उद्देश्य पर्यावरणीय विषयों पर गहन विमर्श को बढ़ावा देना और सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना है। विशेष रूप से विज्ञान के विद्यार्थियों को यह अंक निशुल्क वितरित किया जाएगा, ताकि वे पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक और जिम्मेदार बनें।

पत्रिका को जूट के इको-फ्रेंडली बैग में देखकर मंत्री डॉ. सक्सेना ने प्रसन्नता जाहिर की और कहा, “हाथ में रखे थैला, अपने शहर को न करें मैला।” उन्होंने प्लास्टिक की बजाय इको-फ्रेंडली विकल्पों के उपयोग पर बल दिया और इसे पर्यावरण के प्रति सचेत नागरिकता का उदाहरण बताया।

इस अवसर पर हिंदी प्रकाशन समिति के संयोजक प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने डॉ. सक्सेना द्वारा समर्थित ‘मिशन लाइफ’ (Lifestyle for Environment) अभियान की सराहना की, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2021 में लॉन्च किया था। उन्होंने कहा, “यह विशेषांक न केवल विज्ञान और साहित्य का संगम है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन से निपटने और सतत जीवनशैली को बढ़ावा देने की दिशा में एक ठोस कदम है।”

‘अचिंत्य’ का यह विशेषांक जल्द ही बीएचयू के पुस्तकालयों, परिसर और कुछ चुनिंदा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा। पत्रिका का यह अंक न केवल हिंदी में विज्ञान के प्रसार को बढ़ावा देगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक मील का पत्थर भी साबित होगा। कार्यक्रम के दौरान मंत्री के जनसंपर्क अधिकारी शुभम मेहरोत्रा ने कहा कि यह पहल विज्ञान की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही है और देश के मेधावी युवाओं को प्रेरित कर रही है।

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