बीएचयू में सड़क हादसे में मजदूर की मौत से आक्रोश, सिंह द्वार पर शव रखकर हंगामा, मुआवजा, नौकरी व फ्लैट की मांग पर अड़े परिजन
वाराणसी। बीएचयू में हादसे में मजदूर की मौत के बाद छात्रों के साथ ही परिजनों में भी आक्रोश है। रविवार को परिजनों ने कैंपस के बाहर शव रख कर हंगामा किया। परिजन घटना के आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तार और 20 लाख रुपये मुआवजा, नौकरी और फ्लैट देने की मांग पर अड़े रहे। सूचना के बाद पहुंची पुलिस समझाने में जुटी रही।
देवनाथपुरा पांडेय हवेली निवासी कृष्ण चन्द्र (48 वर्ष) शनिवार की देर रात साइकिल से जा रहे थे। उसी दौरान बीएचयू में डालमिया हास्टल के समीप स्कार्पियो ने टक्कर मार दी। सिर में चोट लगने से उनकी मौत हो गई। इसके बाद कैंपस में एक छात्र के मौत की खबर फैली। इसके बाद गुस्से में आकर 500 से ज्यादा छात्रों ने कैंपस में रात डेढ़ बजे तक जमकर हंगामा किया। पहले स्कॉर्पियो में तोड़-फोड़ की। फिर कुलपति आवास और पुलिस की गाड़ियों पर पत्थरबाजी की। 10 से ज्यादा CCTV तोड़ दिए। छात्र कैंपस के मेन गेट पर धरना देने लगे। कैंपस के छोटे गेट को भी बंद करा दिया। इस बीच छात्रों और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक हुई। छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने जबरदस्ती गेट खुलवाया। सिंह द्वार के अंदर घुसकर लाठियों से पीटा। जिसमें उन्हें गंभीर चोट आई है। पुलिस ने 200 अज्ञात और 15 छात्रों पर FIR दर्ज की है। 5 छात्रों को हिरासत में भी लिया है।
रविवार को हंगामे की सूचना के बाद पुलिस अलर्ट हो गई। मौके पर भारी पुलिस बल के साथ ही पीएसी को भी तैनात कर दिया गया। पुलिस मृतक के परिजनों को समझाने में जुटी रही। मृतक के दामाद ने बताया कि मेरे ससुर की 6 लड़कियां और एक बेटा है। इनमें से 5 की शादियां हो चुकीं हैं और एक लड़की क्लास 10 और एक लड़का 12वीं में पढ़ता है। इनके भरण पोषण की पूरी जिम्मेदारी केवल उन्हीं पर थी। उनके मरने के बाद अब कौन परिवार चलाएगा।
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