बीएचयू पीएचडी दाखिला : रिक्त सीटों को लेकर यूजीसी को भेजा नया प्रस्ताव, दूसरा चरण जल्द

वाराणसी। बीएचयू ने पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में उत्पन्न विवाद के बाद अब रुख बदलते हुए बड़ा कदम उठाया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें पीएचडी की रिक्त सीटों को "रेट-मुक्त" (Non-Fellowship) श्रेणी से "रेट" (Fellowship) श्रेणी में स्थानांतरित करने की अनुमति मांगी गई है। यदि यूजीसी से स्वीकृति मिलती है, तो पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया का दूसरा चरण जल्द ही शुरू किया जाएगा।
पीएचडी में सीटें भरने को लेकर छात्रों में भारी असंतोष फैला हुआ है। छात्र प्रशासन पर पारदर्शिता की कमी और मनमानी का आरोप लगा रहे हैं। पिछले 15 दिनों से छात्र शिवम सोनकर कुलपति आवास के बाहर धरने पर बैठे हैं। इसके अलावा केंद्रीय कार्यालय के समक्ष भूख हड़ताल भी की गई। इस पूरे घटनाक्रम के बाद बीएचयू प्रशासन ने अपनी कुछ गलतियों को स्वीकार किया है।
शिक्षा मंत्रालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बीएचयू के कार्यवाहक कुलपति, कुलसचिव और अपर परीक्षा नियंत्रक से स्पष्टीकरण भी मांगा है। बीएचयू ने कुल 1540 पीएचडी सीटों पर प्रवेश के लिए अधिसूचना जारी की थी, जिसमें अब तक केवल 791 सीटों पर ही प्रवेश हो पाया है। शेष 749 सीटें अब "रेट" श्रेणी में बदलकर भरी जाएंगी। इससे छात्रों को एक और मौका मिलेगा और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा भी बनी रहेगी। प्रवेश प्रक्रिया का दूसरा चरण यूजीसी की स्वीकृति के बाद शुरू होगा।