BHU: सर सुंदरलाल अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ का धरना दूसरे दिन भी जारी, शोषण के आरोपों के बीच साथी की मौत पर मुआवजे की मांग

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वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ खेमचंद सैनी की ड्यूटी के दौरान अचानक मृत्यु हो जाने के बाद अस्पताल प्रशासन पर शोषण का आरोप लगाते हुए उनके सहयोगी नर्सिंग स्टाफ धरने पर बैठ गए हैं। धरने का आज दूसरा दिन है, जिसमें सैकड़ों नर्सिंग स्टाफ प्रशासन के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार की शाम को चिकित्सा विज्ञान संस्थान (IMS) के निदेशक ने नर्सों की समस्याओं पर विचार करने का आश्वासन दिया, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका।

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अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप

नर्सिंग स्टाफ का आरोप है कि उनसे निर्धारित नियमों के विपरीत 10-10 घंटे की ड्यूटी करवाई जाती है। उन्हें सप्ताह में एक दिन भी अवकाश नहीं दिया जाता, जिससे वे व्यक्तिगत काम भी नहीं कर पा रहे हैं। ड्यूटी के दौरान मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध है। एक नर्स से 17 से 20 मरीजों के बेड की देखभाल अकेले करवाई जाती है, और वार्डों में उनके लिए बुनियादी सुविधाएं, जैसे यूरिनल, भी नहीं हैं। जब वे इन मुद्दों की शिकायत करते हैं, तो उन्हें वेतन वृद्धि रोकने की धमकी दी जाती है।

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प्रमुख मांगें

- मृत नर्सिंग स्टाफ खेमचंद सैनी के परिवार को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा ₹5 करोड़ का मुआवजा दिया जाए।
- परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा के आधार पर नौकरी प्रदान की जाए।
- मृतक के बच्चों को निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था दी जाए।
- बीएचयू प्रशासन द्वारा खेमचंद सैनी के पार्थिव शरीर को राजस्थान स्थित उनके मूल निवास स्थान तक निशुल्क भेजने की व्यवस्था की जाए।
- नर्सिंग ग्रीवांस समिति की वार्षिक समीक्षा की जाए।
- खेमचंद सैनी की ज्वाइनिंग से अब तक उनकी सेवा को कन्फर्म मानते हुए सभी लाभ दिए जाएं।

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