बीएचयू में जागरुकता कार्यशाला, महिलाओं-छात्राओं को सिखाया वित्तीय साक्षरता, धोखाधड़ी को लेकर किया जागरूक 

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वाराणसी। बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय अंतर्गत समन्वित ग्रामीण विकास केंद्र में सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त कर रही महिलाओं के लिए वित्तीय साक्षरता एवं वित्तीय धोखाधड़ी  पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य महिलाओं को वित्तीय मामलों में सशक्त बनाना और उन्हें बढ़ते साइबर अपराधों एवं आर्थिक धोखाधड़ियों से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करना था।

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कार्यक्रम में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के स्मार्ट ट्रेनर अनिल नारायण दुबे  ने महिलाओं को दैनिक जीवन में उपयोगी वित्तीय जानकारी साझा की। उन्होंने बैंकिंग प्रणाली, बचत के सही तरीके, निवेश के विभिन्न विकल्प, ऋण प्रबंधन, बीमा योजनाएं, कमोडिटी मार्केट और डिजिटल भुगतान जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की। श्री दुबे ने यह भी बताया कि कैसे महिलाएं स्वयं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना सकती हैं और वित्तीय निर्णय लेते समय किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

समन्वित ग्रामीण विकास केंद्र के समन्वयक डॉ. आलोक कुमार पांडेय ने कहा, “वित्तीय साक्षरता आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बन चुकी है। समाज के प्रत्येक वर्ग, विशेषकर महिलाओं को वित्तीय मामलों की समझ होनी चाहिए ताकि वे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी का शिकार न हों।”

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कार्यशाला की शुरुआत में परियोजना अधिकारी डॉ. भूपेन्द्र प्रताप सिंह  ने स्वागत भाषण देते हुए महिलाओं से सतर्कता और जागरूकता बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि वित्तीय जागरूकता से ही हम एक सुरक्षित और आत्मनिर्भर समाज की ओर अग्रसर हो सकते हैं। कार्यक्रम के अंत में सिलाई प्रशिक्षण अध्यापिका आरती विश्वकर्मा  ने सभी प्रतिभागियों और वक्ताओं का आभार प्रकट किया। इस कार्यशाला में लगभग 40 महिलाओं ने भाग लिया और इसे अत्यंत लाभकारी एवं ज्ञानवर्धक बताया।

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