बीएचयू के असिस्टेंट प्रोफेसर की उनके आवास में संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत 

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पुलिस ने परिवार को सूचना देकर शव को मर्चरी में रखवाया

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में भू-भौतिकी विभाग के भूकंप वैज्ञानिक डॉ. रोहतास कुमार (34) गुरूवार को अपने कमरे में मृत पाए गए। उनके अचेत अवस्था में मिलने की सूचना पर उनके दोस्त उन्हें लेकर सर सुंदरलाल अस्पताल गये। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने डॉ. रोहतास के परिजनों को हरियाणा में फोन कर सूचना दे दी है। शव को पोस्टमार्टम में भेजने के लिए मर्चरी में रखवा दिया है। पुलिस को उनके परिजनों के आने का इंतजार है।

डॉ. रोहतास की मौत के बाद टीचर्स फ्लैट में सन्नाटा  रहा जबकि वहां मौजूद गार्ड ने बताया कि फ्लैट बंद है। बीएचयू में असिस्टेंट प्रोफेसर से पहले वह आईआईटी रूड़की में तैनात थे। इनकी मौत के बाद साथी सदमे में हैं। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि सुबह तक पूरी तरह स्वस्थ रहे। कूड़े वाले को कचरा देने भी गए थे। इसके बाद दोपहर में उनके दोस्तों ने कई बार कॉल किया, मगर फोन  नहीं उठा। इसके बाद आसपास के लोगों ने दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। दरवाजा किसी तरह से खोलकर लोग अंदर गए तो अंदर वाले कमरे का भी दरवाजा बंद था। लोगों ने प्रॉक्टोरियल बोर्ड को फोन से सूचित किया। इसके बाद वहां सुरक्षा गार्ड पहुंचे।

उन्होंने भी दरवाजा खटखटाया लेकिन दरवाजा नहीं खुला। इसके बाद दरवाजे को तोड़ा गया तो डॉ. रोहतास अंदर बेड पर पड़े थे। बिल्डिंग में मौजूद एक डॉक्टर को बुलाकर पल्स चेक कराया गया तो कोई हरकत नहीं था। इसके बाद साथी उन्हें लेकर अस्पताल भागे। लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार डॉ. रोहतास कुमार का शरीर अकड़ गया था। चौकी प्रभारी सुनील कुमार ने बताया कि घर पर कोई मौजूद नहीं था। पत्नी और परिवार के आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। शव को मर्चरी में रखवाया गया है।
 

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